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सुकमा में नक्सलियों की कमर तोड़ेंगी 'दुर्गा फाइटर्स' की धाकड़ बेटियां, रक्षाबंधन पर एके-47 के साथ दिखाया दम

सुकमा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Naxalite News) के सुकमा में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ-स...

सुकमा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Naxalite News) के सुकमा में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ राज्य की कई एजेंसियां उन्हें मुंह तोड़ जवाब दे रही हैं। अब सुकमा में नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए 'दुर्गा फाइटर्स' का गठन किया गया है। इस टीम में सिर्फ बेटियां हैं। धाकड़ बेटियों को नक्सलियों से लोहा लेने के लिए खास तौर पर ट्रेंड किया गया है। रक्षाबंधन के दिन इन बेटियों ने नक्सलियों के खात्मे के लिए संकल्प लिया है। सुकमा में दुर्गा फाइटर के महिला जवानों की तैनाती होगी। इसकी पहली झलक रक्षाबंधन के दिन देखने को मिली है। महिला जवानों ने उनसे लोहा लेने की तैयारी शुरू कर दी है। रक्षा बंधन के मौके पर दुर्गा फाइटर ने पुरुष जवानों की कलाई पर राखी बांधी है। साथ ही उनकी रक्षा करने के लिए संकल्प लिया है। सुकमा एसपी सुनील शर्मा भी इस मौके पर मौजूद थे। उनकी कलाई पर भी दुर्गा फाइटर में शामिल बेटियों ने राखी बांधी है। एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन हमारे यहां की महिला पुलिस अधिकारी और जवानों ने संकल्प लिया है कि हम भी अब कमांडो ड्यूटी में शामिल हैं। इसके स्वेच्छा से इस डीआरजी टीम में महिला जवान शामिल हुई हैं। इस टीम में कुल 32 महिला कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। इन लोगों स्वंय एक दुर्गा फाइटर्स के नाम से फोर्स बनाया है। डीआरजी में महिलाएं शामिल होकर यह दिखाना चाहती हैं कि हम भी पुरुषों से किसी मायने में कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल के खात्मे के लिए इनलोगों ने सर्वस्व न्यौछावर करने का फैसला किया है। सुकमा जिले में आज से दुर्गा फाइटर्स का गठन किया गया है। दुर्गा फाइटर्स के जवान ने कहा कि जिस तरीके रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहनों की रक्षा के लिए संकल्प लेते हैं, उसी तरह से आज हमलोगों ने लिया है। हम सुकमा के लोगों की रक्षा नक्सलियों से करेंगे। साथ ही सुकमा को नक्सल मुक्त बनाएंगे। डीआरजी की तरह हम भी नक्सलियों से लड़ेंगे। गौरतलब है कि महिला डीएसपी आशा सेन के नेतृत्व में 32 जवानों का यह दल बनाया गया है। रक्षाबंधन के दिन से ही इन जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ में नक्सली डीआरजी के जवानों से थरथर कांपते हैं। डीआरजी की टीम में ज्यादातर स्थानीय जवान हैं, जो नक्सलियों की बोली को समझते हैं। साथ ही उन्हें स्थानीय इलाकों के बारे में भी जानकारी है।


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