जयपुर राजस्थान में छात्रों का रुझान एक बार फिर उच्च शिक्षा की तरफ तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस बात का खुलासा राज्य के उच्च शिक्षा वि...

जयपुर राजस्थान में छात्रों का रुझान एक बार फिर उच्च शिक्षा की तरफ तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस बात का खुलासा राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के बाद हुआ है। पता चला है कि राज्य ने 2019-20 से 2020-21 के दौरान उच्च शिक्षा में नामांकन में 5.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यानी नामांकन 11.96 लाख से बढ़कर 12.59 लाख हो गया। हालांकि ग्रोथ रेट (2019-20) के तहत 7.18 फीसदी से घटकर 2020-21 में 5.26 फीसदी हो गई। बैकवर्ड एरिया में नए कॉलेज खोलने का भी मिला फायदाविशेषज्ञों की मानें, तो इस साल हायर एजुकेशन में नॉमिनेशन बढ़ने 'उपलब्धि' के तौर पर देखा जा ना चाहिए। उच्च शिक्षा विशेषज्ञ पुनीत शर्मा ने कहना है कि लॉकडाउन के कारण राज्य भर में बड़ी संख्या में छात्र बाहर हो गए थे , ऐसे में दोबारा अच्छी संख्या में नए नॉमिनेशन होना अच्छे संकेत हैं। शर्मा के अनुसार प्रदेश में स्टूडेंट्स के नामांकन बढ़ने का श्रेय राज्य सरकार को जाता है। बार-बार प्रवेश की समय सीमा बढ़ाने और छात्रवृत्ति कार्यक्रम जारी रखने और नए कॉलेज खोलने से चलते स्टूडेंट्स की रूचि हायर एजुकेशन के प्रति बढ़ी है। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने 123 नए कॉलेज पिछले दो साल मेें ऐस्से स्थानों पर खोले है, जिन्हें बैकवर्ड एरिया के रूप में गिना जाता था। वहीं सीएम छात्रवृत्ति, देव नारायण छात्र स्कूटी योजना, काली बाई भील मेधावी छात्र स्कूटी वितरण आदि योजनाओं ने भी नामांकन पर एक मजबूत प्रभाव डाला हैं। कोरोना के बाद कई गर्ल्स की पढ़ाई में पड़ा प्रभावविशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में नामांकन में ओवरऑल ग्रोथ देखने को मिला है, लेकिन यदि इस बार भी लड़कियों का नामांकन लड़कों के बराबर होते, तो विकास दर पिछले वर्ष के स्तर को पार कर जाती। दरअसल लड़कियों की तुलना में इस बार लड़के के नामांकन में वृद्धि 2.61 प्रतिशत दर्ज की गई। ताजा आंकड़ों के अनुसार अब 2020-21 में लड़कियां 6,46,378 के साथ नामांकन में आगे हैं जबकि लड़के 6,13,103 पर हैं। जानकारों का कहना है कि लड़कियां कोरोना महामारी के वर्षों में छूट गए हैं, उन्हें कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए, ताकि गर्ल्स रेशों में भी इजाफा हो सके। एसटी में एजुकेशन में बढ़ रहा है गर्ल्स रेशोयूनिसेफ (न्यूयॉर्क) के पूर्व नीति योजनाकार केबी कोठारी के अनुसार यहां ओवरऑल आंकड़ों के तहत जहां गर्ल्स की संख्या कम रही है। वहीं अनुसूचित जनजातियों के तहत देखा जाएं, तो पंजीकृत समुदायों में पाया जाता है । यहां लड़कियों ने लड़कों की तुलना में उच्च विकास दर दर्ज की है। आंकड़ों के अनुसार अनुसूचित जाति के तहत समुदायों ने सबसे अधिक 14.36 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, जबकि 2019-20 के आंकड़ों की तुलना में सबसे कम 4.86 फीसदी की वृद्धि सामान्य वर्ग की ओर से दर्ज किया गया था।
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