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Bihar Panchayat Chunav : दोनाली हो... 315 या फिर सेमी ऑटोमैटिक, बिहार पंचायत चुनाव से पहले सब जमा करना होगा

पटना बिहार में पंचायत चुनाव में हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन की नजर उन लोगों पर भी है जिनके पास दोनाली, थ्री फिफ्टीन, सेमी ऑटोमैटि...

पटना बिहार में पंचायत चुनाव में हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन की नजर उन लोगों पर भी है जिनके पास दोनाली, थ्री फिफ्टीन, सेमी ऑटोमैटिक जैसे लाइसेंसी हथियार हैं।सबसे तीखी नजर हथियार लाइसेंस वालों और अपराधियों पर ही है। पटना डीएम ने तो लाइसेंसी हथियार जमा कराने का काम भी शुरू कर दिया है। कोशिश ये भी है कि उत्पात करने से पहले ही उपद्रवियों पर शिकंजा कर दिया जाए। 'पंचायत चुनाव से पहले जमा करो हथियार'बिहार में पंचायत चुनाव 11 चरणों में होंगे जिसकी 24 सितंबर से 11 दिसंबर के बीच होगी। लेकिन चुनाव के पहले ही कई ऐसी वारदात हुई हैं जिससे प्रशासन चौकन्ना हो गया है।वोटर किसी भी हाल में बगैर डर के मतदान करे, इसके लिए अब प्रशासन के तेवर भी कड़े हो गए हैं। पटना डीएम ने सौ फीसदी हथियारों को जमा कराने का निर्देश दे दिया है। वहीं जिले को सेक्टर, जोन और सुपर जोन में बांट दिया जाएगा। इससे चुनाव के दौरान प्रशासन को काम करने में काफी आसानी हो जाएगी। उपद्रवियों को किया जाएगा जिलाबदर पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही पटना पुलिस ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है। चुनाव के दौरान उपद्रव करने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। ऐसे लोगों पर नकेल कसने की तैयारी है। पहले के चुनावों में या बड़े त्योहारों में हंगामा-बवाल करने वाले उपद्रवियों को भी चिन्हित किया जायेगा। ऐसी तरह के जिस किसी से भी माहौल खराब होने की आशंका होगी, उसे सीधे जिलाबदर यानि तड़ीपार कर दिया जाएगा। जेल में बंद अपराधियों को बेल पर छूटने से रोके जाने की तैयारी ठीक इसी तरह से जेल में बंद उन अपराधियों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के जरिए नकेल कसी जाएगी। इससे अपराधी चुनाव के दौरान बेल पर जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। ये खासतौर पर उन अपराधियों के लिए होगा जो पंचायत चुनाव में अशांति फैला सकते हैं। पटना समेत कई जिलों में चुनाव से पहले हिंसाहाल ही में पंचायत चुनाव को लेकर पटना समेत कई जिलों में अलग-अलग वारदात हुई है। पिछले कुछ दिनों में पंचायत प्रतिनिधियों के रिश्तेदार या फिर पंचायत चुनाव में ताल ठोकने वालों की हत्या तक कर दी गई है। इसी वजह से इस बार पंचायत चुनाव के दौरान संवेदनशील बूथों की कमान बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल के हाथ में होगी। विशेष सशस्त्र बल के गठन के बाद ये पहला मौका है जब फोर्स चुनाव में अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।


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