बेगूसराय बिहार के लोग हमेशा इस बात को लेकर मायूस रहते हैं कि उनका राज्य उद्योग धंधे के मामले में पिछड़ा हुआ है। इसी बीच किसी जमाने में रा...

बेगूसराय बिहार के लोग हमेशा इस बात को लेकर मायूस रहते हैं कि उनका राज्य उद्योग धंधे के मामले में पिछड़ा हुआ है। इसी बीच किसी जमाने में राज्य की औद्योगिक सिटी कहे जाने वाले बेगुसराय से एक अच्छी खबर आई है। () के तेल शोधक कारखाने में अब हवाई जहाज के ईंधन भी तैयार होंगे। अच्छी बात यह है कि इस साल के अंत तक बरौनी रिफाइनरी फ्लाइट के लिए ईंधन तैयार करना शुरू कर देगा। बरौनी रिफाइनरी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पॉली प्रोपलीन यूनिट की स्थापना भी की जा रही है। इसके तहत एटमोस्फियरिक वैक्यूम यूनिट (एवीयू) और पॉली प्रोपलीन इकाई (पीपी) तैयार कराया जाएगा। कहा जा रहा है कि इन दोनों यूनिट के शुरू होने पर बिहार में पेट्रोकेमिकल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल प्लास्टिक उत्पादन के लिए बिहार दूसरे राज्यों पर आश्रित हैं। फिलहाल बरौनी रिफाइनरी की पहचान डीजल उत्पादन के लिए जाना जाता है। हालांकि कुल उत्पादन का 50 फीसद से ज्यादा हिस्सा हाई स्पीड डीजल (एसएसडी) है। डीजल के अलावा यहां स्प्रिट और केरोसिन भी तैयार किया जाता है। बरौनी रिफाइनरी में तैयार पेट्रोलियम पदार्थों की खपत बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, असम, हरियाणा और नेपाल में होती है। फिलहाल बरौनी रिफाइनरी अपने उत्पाद की आपूर्ति के लिए ज्यादातर पाइपलाइन पर निर्भर है। रिपोर्ट के मुताबिक 42 फीसद आपूर्ति पाइपलाइन, 35.6 फीसद सड़क मार्ग और 21.6 फीसद रेल मार्ग से की जाती है। पिछले कुछ वर्षों से बरौनी रिफाइनरी हरित ईंधन को प्रोत्साहित करते हुए 2019 से बीएस-6 के तहत पेट्रोल व डीजल का उत्पादन भी कर रहा है। कोरोना काल में भी बरौनी रिफाइनरी ने काफी अच्छा काम किया है।
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