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पिता लगाते हैं पकौड़ी का ठेला, बेटी बढ़ा रही देश का मान, जानिए कौन है ये भारत की हॉकी की धाकड़ प्लेयर

दौसा. रेखा शर्माटोक्यो ऑलंपिक्स में जहां वुमन और मेन्स हॉकी टीम लगातार जीत का जलवा दिखा रही है। वहीं राजस्थान में भी इसकी नई पौध तैयार हो रह...

दौसा. रेखा शर्माटोक्यो ऑलंपिक्स में जहां वुमन और मेन्स हॉकी टीम लगातार जीत का जलवा दिखा रही है। वहीं राजस्थान में भी इसकी नई पौध तैयार हो रही है। हम बात कर रहे है प्रदेश के दौसा जिले के एक गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने वाली शिवानी साहू की , जिसके भविष्य के बड़े सितारे के रूप उभरने की उम्मीद है । इन्होंने अपने करियर के लिए हॉकी जैसे खेल को चुना । कई बार नेशनल खेला वहीं अंडर 16 में तो इंटनेशनल भी खेल चुकी है। अब शिवानी का भारतीय टीम में चयन के लिए टॉप-20 प्लेयर में चयन हो चुका है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि शिवानी के पिता कोई धनाढ्य व्यक्ति नहीं है । वह दौसा के मंडावर गांव में पकौड़ी का ठेला लगाते हैं।

भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने जहां 41 साल बाद ब्रांच मेडल जीतकर इतिहास रचा है। वहीं राजस्थान की एक ऐसी खिलाड़ी भी है, जो लगातार हॉकी के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर सफलता की इबारत लिख रही है। इसे भविष्य के बड़े सितारे के रूप में भी देखा जा रहा है।


पिता लगाते हैं पकौड़ी का ठेला, बेटी बढ़ा रही देश का मान, जानिए कौन है ये भारत की हॉकी की धाकड़ प्लेयर

दौसा. रेखा शर्मा

टोक्यो ऑलंपिक्स में जहां वुमन और मेन्स हॉकी टीम लगातार जीत का जलवा दिखा रही है। वहीं राजस्थान में भी इसकी नई पौध तैयार हो रही है। हम बात कर रहे है प्रदेश के दौसा जिले के एक गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने वाली शिवानी साहू की , जिसके भविष्य के बड़े सितारे के रूप उभरने की उम्मीद है । इन्होंने अपने करियर के लिए हॉकी जैसे खेल को चुना । कई बार नेशनल खेला वहीं अंडर 16 में तो इंटनेशनल भी खेल चुकी है। अब शिवानी का भारतीय टीम में चयन के लिए टॉप-20 प्लेयर में चयन हो चुका है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि शिवानी के पिता कोई धनाढ्य व्यक्ति नहीं है । वह दौसा के मंडावर गांव में पकौड़ी का ठेला लगाते हैं।



​2012 में गांव में रहकर ही सीखे हॉकी के गुर
​2012 में गांव में रहकर ही सीखे हॉकी के गुर

दौसा जिले के मंडावर गांव में रहने वाली सीताराम साहू की बेटी शिवानी साहू पूरे देश में नाम कमा रही है। 2012 में अपने ही गांव में जर्मन नेशनल प्लेयर आंद्रेया से कोचिंग लेकर हॉकी के टिप्स सीखें, इसके बाद राजस्थान से नेशनल भी खेला 2013 से 2018 तक राजस्थान की टीम का हिस्सा रही। शिवानी अंडर-17 सब जूनियर टीम की कैप्टन भी रह चुकी है।



​अंडर -17 भारतीय टीम का हिस्सा
​अंडर -17 भारतीय टीम का हिस्सा

हॉकी में अपना करियर बनाने और एजुकेशन को भी बढ़ाने के उद्देश्य से शिवानी 2018 में मुंबई चली गई। इसके बाद शिवानी ने गुरु नानक खालसा इंग्लिश मीडियम स्कूल से सीनियर पास की । वहीं इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए पुणे शिफ्ट हो गई। वर्तमान में शिवानी पुणे यूनिवर्सिटी में बीए की स्टूडेंट है । महाराष्ट्र के लिए नेशनल खेलती है। शिवानी साहू 2016 में अंडर-17 की भारतीय टीम का हिस्सा रह चुकी है और नीदरलैंड में खेल चुकी है।



​टॉप -20 में बना चुकी है जगह
​टॉप -20 में बना चुकी है जगह

शिवानी के हौसलों को पंख उस समय लगे । जब उसका नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्पोर्ट्स अथोरिटी ऑफ इंडिया के ओर से 60 खिलाड़ियों में चयन हुआ । इसके बाद अब टॉप 20 प्लेयर में भी जगह बना ली है। इन 20 खिलाड़ियों में भारतीय टीम के हॉकी खिलाड़ी शामिल हैं । साथ ही शिवानी साहू भी शामिल है। इन्हीं 20 खिलाड़ियों में से हॉकी खेल की भारतीय टीम का चयन होगा। कुल 18 प्लेयर चयनित होंगे जिनमें 11 मैदान में खेलते है।



​माता- पिता और कोच का है बड़ा रोल
​माता- पिता और कोच का है बड़ा रोल

भारतीय टीम का हिस्सा बनने की दहलीज पर खड़ी शिवानी साहू काफी प्रसन्न है।साथ ही अपनी सफलता का श्रेय हॉकी कोच आंद्रेया और अपने परिजनों को देती है। शिवानी का कहना है कि उसका परिवार गांव में रहता है। उसके पिता पकौड़ी की स्टॉल लगाते हैं। ऐसे में सामान्य परिवार की बेटी होने के बावजूद भी परिजनों ने स्वतंत्रता दी। साथ ही उसे अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए मुंबई और पुणे तक भेजा।





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