टोक्यो ओलिंपिक में भले ही भारतीय महिला हॉकी टीम मेडल जीतने में कामयाब नहीं हो सकी, लेकिन अपने प्रदर्शन से उन्होंने देशवासियों को उन पर गर्व ...

ओलिंपिक में अपनी बेटी सलीमा टेटे के प्रदर्शन से उनके पिता ही नहीं पूरा गांव बेहद खुश है। उनके पिता ने बताया कि मैं सलीमा के साथ हॉकी मैचों में जाता था। मैंने उसे बांस की खपच्चियों से ये खेल सिखाया। जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा...

टोक्यो ओलिंपिक में भले ही भारतीय महिला हॉकी टीम मेडल जीतने में कामयाब नहीं हो सकी, लेकिन अपने प्रदर्शन से उन्होंने देशवासियों को उन पर गर्व करने का मौका दे दिया। उन्होंने जिस जज्बे के साथ मुकाबला किया उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। यही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय महिला हॉकी टीम में एक खिलाड़ी ऐसी भी हैं जिन्होंने बांस की खपच्चियों से हॉकी खेलना शुरू किया। जी हां...हम बात कर रहे हैं सलीमा टेटे की, जिनके पिता ने बताया कि आखिर उनकी बेटी ने कैसे इस मुकाम तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया।
सलीमा के पिता बोले- हम उसकी उपलब्धि से खुश हैं

अपनी बेटी सलीमा टेटे के प्रदर्शन से उनके पिता ही नहीं पूरा गांव बेहद खुश है। उनके पिता सुलक्षण टेटे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि 'मैं सलीमा के साथ हॉकी मैचों में जाता था। मैंने उसे बांस की खपच्चियों से ये खेल सिखाया। जब वह स्कूल में थी उसी समय उसे रांची टीम के लिए खेलने के लिए चुना गया। ओलिंपिक में भले ही टीम हार गई लेकिन हम उसकी उपलब्धि से खुश हैं।
सिमडेगा के बड़कीचापर गांव में ये है सलीमा का घर

सिमडेगा जिले के बड़कीचापर गांव में हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे का घर है। आप तस्वीरों में उनके घर की स्थिति को देख सकते हैं तो ये मिट्टी के बने हुए कच्चे मकान हैं। जहां सलीमा अपने परिवार के संग रहती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सलीमा टेटे के घर और गांव में ओलिंपिक मैच के दौरान ही टीवी भी लगाई गई, जिससे उनके घर और गांव के लोग अपनी बेटी का मैच देख सकें।
ओलिंपिक मैच के दौरान सलीमा के घर प्रशासन ने लगवाया टीवी

जिस बेटी की दुनिया तारीफ कर रही, उसे उसके घरवाले ही ओलिंपिक के दौरान खेलते नहीं देख पा रहे थे। इसकी सबसे बड़ी वजह थी पूरे गांव में एक भी टीवी सेट का नहीं होना। सोशल मीडिया के जरिए जब बात उठी तो दूर तलक गई और फिर जिला प्रशासन ने सलीमा के मिट्टी के कच्चे घर में टीवी...डीटीएच और जेनरेटर साथ लगवाया। इसके बाद सलीमा के घर में पूरा गांव अपनी बेटी का मैच देखने के लिए जुटने लगा। हालांकि, शुक्रवार को ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल के लिए मैच में भारतीय महिला हॉकी टीम ग्रेट ब्रिटेन से 4-3 से मुकाबला हार गईं।
अपनी दूसरी बेटी महिमा को भी हॉकी खिलाड़ी बनाना चाहते हैं सलीमा के पिता

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे के पिता को अपनी बेटी पर गर्व है। वह सलीमा की तरह ही अपनी दूसरी बेटी महिमा को भी एक बेहतर हॉकी खिलाड़ी के रूप में प्रशिक्षित करना चाहते हैं। खुद महिमा टेटे भी इसके लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। इस बीच झारखंड सरकार ने मंगलवार को सलीमा और निक्की के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया है। सलीमा के पिता ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जो 5 लाख की राशि दी गई है उसे वह अपनी दूसरी बेटी महिमा टेटे को बेहतर खिलाड़ी बनाने में खर्च करेंगे।
सलीमा-निक्की को झारखंड सरकार देगी खास सौगात

भारतीय महिला हॉकी टीम में सलीमा टेटे के साथ-साथ निक्की प्रधान भी शामिल हैं। निक्की प्रधान खूंटी जिले की रहने वाली हैं। दोनों ही खिलाड़ियों के प्रदर्शन से उनके परिवार और गांव के लोग बेहद खुश हैं। वहीं प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार भी सलीमा और निक्की को कई सौगात देने की तैयारी में हैं। रेलवे में कार्यरत सलीमा टेटे और निक्की प्रधान को भी प्रोन्नति मिलनी तय है। दोनों ही खिलाड़ियों का रेलवे में अफसर बनना अब तय माना जा रहा है।
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