गाजियाबाद अब तक आपने डेबिट कार्ड और सिम क्लोन कर अकाउंट से पैसा निकालने की घटनाएं सुनी होंगी, लेकिन अब अंगूठा क्लोन कर भी जालसाज खाते में...

गाजियाबाद अब तक आपने डेबिट कार्ड और सिम क्लोन कर अकाउंट से पैसा निकालने की घटनाएं सुनी होंगी, लेकिन अब अंगूठा क्लोन कर भी जालसाज खाते में सेंध लगा रहे हैं। गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां जनसुविधा केंद्र के एजेंट ने पीओएस (बायोमेट्रिक मशीन) यानी आधार फिंगर प्रिंट मशीन के जरिए गैस सब्सिडी चेक करने के नाम पर एक व्यक्ति के खाते से 85 हजार रुपये निकाल लिए। ठगी होने के बाद करीब एक साल तक पीड़ित मुकदमा दर्ज करवाने के लिए भटकता रहा। अब डीआईजी के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हुई है। पहले भी आ चुका है केस अंगूठा क्लोन कर ठगी करने का मामला एनसीआर में पहला नहीं है, इससे पहले नोएडा के सेक्टर-168 स्थित छपरौली बांगर में रहने वाले एक शख्स के अंगूठे का क्लोन बनाकर पीओएस से 2 बार में 19 हजार रुपये निकाल लिए गए थे। हरियाणा के पलवल में भी आया मामला हरियाणा के पलवल में भी इसी प्रकार से खाते में ठगों ने सेंध लगाई थी। मामले की जांच कर रहे थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह के अनुसार नदीम नाम के युवक पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में बैंक से भी डिटेल मांगी गई है। यह भी जांच करेंगे कि उसे किस आधार पर जनसुविधा केंद्र में प्रयोग होने वाली मशीन मिली। फिंगर प्रिंट मशीन पर कई बार लगवाया अंगूठा डासना के छज्जा बाजार मोहल्ला में रहने वाले इकबाल प्लास्टिक के बर्तनों का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 में एलपीजी गैस की सब्सिडी में कुछ गड़बड़ होने पर वह उसे चेक करवाने के लिए नदीम के पास गए थे। वह अपने आप को जनसुविधा केंद्र का एजेंट बताता है। क्षेत्र के लोग उससे बैंक और अन्य दस्तावेज वाले काम करवाते हैं तो उन्होंने भी सब्सिडी चेक करने को कहा। जिसके बाद उसने 4-5 बार उनका अंगूठा फिंगर प्रिंट मशीन पर लगवाया। इसके बाद उसने यह कह कर भेज दिया कि उनका फिंगर प्रिंट नहीं आ रहा है। लॉकडाउन के बाद पंजाब नैशनल बैंक में अपनी पासबुक में एंट्री करवाने के लिए गए तो पता चला कि उनके खाते से 85 हजार रुपये निकल गए थे। कुछ महीनों बाद हुई जानकारी इकबाल ने बताया कि इस मामले में ठगी की जानकारी उन्हें कुछ महीनों के बाद हुई थी। जिसके बाद सबसे पहले उन्होंने बैंक में जाकर इस बारे में जानकारी दी। जिसके बाद उन्हें पता चला कि आधार के माध्यम से रुपये निकले हैं। मशीन कैसे मिली जांच करेगी पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस नदीम के जन सुविधा केंद्र के बारे में जानकारी कर रही है। साथ ही उसने जिस मशीन का प्रयोग कर रुपये निकाले हैं उसके बारे में पता किया जा रहा है। पुलिस के अनुसार प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सब्सिडी का पता लगाने के लिए जो फिंगर प्रिंट लिए गए थे उसी के जरिए रुपये निकाले गए हैं। इन बातों का रखें ध्यान -अक्सर इस प्रकार के केंद्रों पर आधार के प्रयोग के दौरान लोग ऐसा करने के बाद सिस्टम की तरफ नहीं देखते हैं, जबकि इस दौरान उन्हें सिस्टम पर नजर रखनी चाहिए। - अपना फिंगर प्रिंट देने के बाद उसे कपड़े से साफ करके या करवाकर ही जाएं। - बैंक और पेमेंट से जुड़े कार्य के लिए सीधा बैंक जाएं, इसके अलावा किसी अन्य स्थान पर अपनी जानकारी नहीं दें। - अपने आधार की डिटेल और प्रिंट प्राइवेट स्थान पर देने से बचें।
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