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नीरज, बजरंग.... हरियाणा की माटी में ऐसा क्या, हर साल पैदा हो रहे एक से बढ़कर एक ओलिंपियन

चंडीगढ़ हरियाणा के पानीपत निवासी (Neeraj Chopra) इस बार भारत के कीर्तिमान पुरुष बन गए हैं। में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास...

चंडीगढ़ हरियाणा के पानीपत निवासी (Neeraj Chopra) इस बार भारत के कीर्तिमान पुरुष बन गए हैं। में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास लिखने वाले नीरज चोपड़ा ने देश का गौरव बढ़ाया है। लेकिन उनके गृह राज्य हरियाणा के लिए ये उपलब्धि किसी करिश्मे जैसी है। बीते कई सालों से देश और दुनिया के तमाम स्पोर्ट्स इवेंट्स में राज्य के खिलाड़ियों ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है, उसके लिए अब लोग प्रदेश सरकार की खेल नीतियों को देश के अन्य राज्यों के लिए एक सीख जैसा मान रहे हैं। हरियाणा सरकार ने नीरज चोपड़ा की जीत पर उन्हें 6 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से उन्हें पंचकूला में बनने वाले स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्लास-1 नौकरी और अन्य सुविधाएं देने का ऐलान भी किया गया है। ऐसा नहीं है कि नीरज को ये सब सिर्फ ओलंपिक की जीत से ही मिला है। हरियाणा सरकार ने बीते कई सालों में खेल सुविधाओं के विकास और खिलाड़ियों की मदद के लिए जो काम किए हैं, शायद उसका ही नतीजा है कि कॉमन वेल्थ गेम्स से टोक्यो ओलंपिक तक उसके खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। दरअसल, हरियाणा में एक लंबे वक्त से खिलाड़ियों को जितनी सुविधाएं दी जा रही हैं उतनी किसी अन्य राज्य में उपलब्ध नहीं हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों के 127 सदस्यीय दल में 31 प्लेयर्स हरियाणा से हैं। सिर्फ हरियाणा से ही महिला हॉकी के 9, कुश्ती के 7, बॉक्सिंग के 4 और शूटिंग के 4 प्लेयर्स टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने गए हैं। बड़ी बात ये कि ओलंपिक में सेलेक्ट होने वाले ऐसे हर प्लेयर को सिर्फ उसकी तैयारियों के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। मेडल जीतने वाले खिलाड़ी के साथ कोच को भी सम्मान ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को हरियाणा सरकार विशेष पुरस्कारों से सम्मानित करती है। इसमें गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को 6 करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को 4 करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 2.5 करोड़ रुपये मिलते हैं। इसके अलावा ऐसे खिलाड़ियों के कोच को भी 20 लाख रुपये की राशि इनाम के रूप में दी जाती है। हाल ही में हरियाणा सरकार ने ओलंपिक में चौथे स्थान पर आने वाली महिला हॉकी टीम के प्लेयर्स को भी इनाम देने का ऐलान किया था। इस टीम के 9 सदस्यों को राज्य सरकार की ओर से 50-50 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा हुई थी। खेलों का बजट यूपी समेत अन्य राज्यों से अधिक स्पोर्ट्स के विकास के लिए तमाम नीतियों को बनाने वाले हरियाणा में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तहत बने कुल 22 सेंटर्स हैं। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से भी तमाम इलाकों में विश्वस्तरीय स्टेडियम और स्पोर्ट्स यूनिट्स को बनाने पर काम हो रहा है। राज्य सरकार ने इस साल खिलाड़ियों के लिए न्यूट्रिशन पर खर्च होने वाली राशि में भी इजाफा किया है। पहले जहां प्रदेश में खानपान के लिए खिलाड़ियों पर 150 रुपये प्रतिदिन का खर्च होता था, अब इसे बढ़ाकर 250 रुपये कर दिया गया है। हरियाणा की कुल जनसंख्या करीब 9 करोड़ है, लेकिन स्पोर्ट्स का बजट 24 करोड़ की जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश से भी अधिक है। कॉमनवेल्थ गेम्स से ओलंपिक तक परचम हरियाणा की इन्हीं नीतियों के कारण प्रदेश में खेलों से जुड़े लोगों को अच्छी सुविधाएं मिल पाती हैं। इसी का असर है कि कॉमनवेल्थ गेम्स से ओलंपिक तक हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर जगह अपना परचम लहराया है। 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को 66 मेडल मिले थे, जिसमें से 22 सिर्फ हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते थे। इस बार की तस्वीर भी ऐसी ही है। हरियाणा को एशियाई खेलों, ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के मेडल्स की जन्मभूमि सा कहा जाता है। इसकी सफलता के कारण वही नीतियां हैं, जिन्हें अन्य राज्यों को सीखने की जरूरत है।


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