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दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडार का निर्माण जोरों पर, परतापुर स्टेशन के दूसरे चरण का काम शुरू

प्रेमदेव शर्मा, मेरठ को निर्धारित लक्ष्य से पहले ट्रैक पर दौड़ाने के लिए एनसीआरटीसी ने काम की गति को और तेज कर दिया है। मेरठ के परतापुर स...

प्रेमदेव शर्मा, मेरठ को निर्धारित लक्ष्य से पहले ट्रैक पर दौड़ाने के लिए एनसीआरटीसी ने काम की गति को और तेज कर दिया है। मेरठ के परतापुर स्टेशन के ऊपरी भाग के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। यह स्टेशन यात्रा सुविधा और सुरक्षा के आधुनिक उपकरणों से लैस होगा। यहां से यात्रियों को मेरठ की लोकल मेट्रो सेवा भी उपलब्ध होगी। दिल्ली से मेरठ के बीच 180 किमी/घंटा की रफ्तार से रैपिड रेल को निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2025 से पहले दौड़ाने के लिए एनसीआरटीसी हर संभव प्रयास कर रहा है। में कुल 24 स्टेशन हैं जिसमें से 13 स्टेशन मेरठ में होंगे। परतापुर स्थित स्टेशन के ऊपरी भाग के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। लगभग 75 मीटर लंबे और 34 मीटर चौड़े परतापुर एमआरटीएस स्टेशन का कोंकोर्स लेवल भूतल से 7 मीटर ऊंचा होगा। कोंकोर्स लेवल के लिए 48 प्री कास्ट कंक्रीट बीम का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक बीम की लंबाई लगभग 10 मीटर है। प्रत्येक बीम का वजन लगभग 40 टन है जिन पर स्टेशन का कोंकोर्स लेवल तैयार किया जा रहा है। बीम के प्री कास्ट सेगमेंट आरआरटीएस के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में तैयार किए जा रहे है। एनसीआरटीसी की ओर से आरआरटीएस के इनफ्रास्ट्रक्चर पर ही परतापुर एमआरटीएस स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। यहां स्थानीय निवसियों को मेरठ मेट्रो की लोकल सेवा प्रदान की जाएगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि परतापुर एमआरटीएस स्टेशन यात्रा सुविधा व सुरक्षा के आधुनिक उपकरणों से लैस होगा। कॉरिडोर का 12 किमी हिस्सा होगा भूमिगत इस कॉरिडोर में 12 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत बनाया होगा, जिसमे लगभग 4 किलोमीटर भाग दिल्ली में और 8 किलोमीटर भाग मेरठ व गाजियाबाद में होगा। दिल्ली के भूमिगत भाग के निर्माण के लिए आनंद विहार में टनल बोरिंग मशीन से टनल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। मेक इन इंडिया के तहत गुजरात में बन रही है ट्रेन आरआरटीएस ट्रेनों के निर्माण का कार्य भी अलस्टोम (बोम्बार्डिएर) की सावली, गुजरात की फ़ैक्टरी में मेक इन इंडिया की तहत किया जा रहा है। ये ट्रेनें अपने किस्म की पहली ट्रेन होगी जो 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी। दुहाई डिपो में ट्रेनों के परिचालन और रख-रखाव के लिए स्टेबलिंग व इन्सपैक्शन लाइन और कंट्रोल केंद्र तैयार किया जा रहा है।


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