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शैलजा लाई गहलोत के लिए सोनिया गांधी का मैसेज, गुप्त संदेश माना जा रहा कैबिनेट फेरबदल की अहम कड़ी

जयपुर राज्य मंत्रिमंडल पुनर्गठन की चल रही कवायद के बीच हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी की अति व...

जयपुर राज्य मंत्रिमंडल पुनर्गठन की चल रही कवायद के बीच हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी की अति विश्वस्त पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा का रविवार रात को अचानक जयपुर आना। सोमवार सुबह की फ्लाइट से वापस दिल्ली चले जाना राज्य की कांग्रेस राजनीति में यक्ष प्रश्न बन चुका है। आखिर सोनिया गांधी का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए कौन सा संदेशा लेकर जयपुर आई थी कुमारी शेलजा। मिली जानकारी के अनुसार कुमारी शैलजा ने रविवार रात को जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सीएमआर में लंबी राजनीतिक मंत्रणा की। इसके बाद सोमवार सुबह की फ्लाइट से वापस दिल्ली लौट गई । सत्तारूढ़ कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में सभी यह जानना चाहते हैं कि आखिर शैलजा के माध्यम से अशोक गहलोत तक कौन सा संदेश पहुंचाया है। इस सारी कवायद को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच होने वाले सुलहनामा और मंत्रिमंडल पुनर्गठन के चश्मे से देखा जा रहा है। शैलजा का राजस्थान कांग्रेस से पुराना वास्ताक्योंकि कुमारी शैलजा का राजस्थान के कांग्रेस राजनीति से पुराना वास्ता रहा है। 2018 के विधानसभा आम चुनाव में कुमारी शैलजा कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रही थी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान में कांग्रेस के 200 उम्मीदवारों का का फैसला हुआ था, ऐसे में उनका माना जा रहा है कि शैलजा प्रदेश सरकार में होने वाले फेरबदल में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। माकन - वेणुगोपाल नहीं बना पाएं सहमति! उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की जयपुर यात्रा पर आए थे। तभी से मंत्रिमण्डल विस्तार की खबरें को जोर मिला था। लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच सुलह फॉर्मूले पर आपसी सहमति नहीं बनने की सामने आ रही है । ऐसे में कुमारी शैलजा की यह यात्रा अति महत्वपूर्ण हो गई है। लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा सीट निकालने की कवायद जानकार सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान साल 2023 के होने वाले विधानसभा आम चुनाव में राज्य में कांग्रेस के पुनः सत्ता में आने के मामले में तो संशय रखता है। क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में 5 साल कांग्रेस के सत्ता में रहने के बाद पहली बार 2003 के चुनाव में और उसके बाद 2013 के चुनाव में कांग्रेस की राज्य में बुरी तरह हार हुई थी। लिहाजा गहलोत की इसी कमजोरी को बार-बार पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट आलाकमान के सामने उठा रहे हैं । जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान इस बात पर विचार कर रहा है कि चाहे साल 2023 के विधानसभा आम चुनाव में राज्य में कांग्रेस सत्ता में ना आए, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों से लोकसभा की अधिक से अधिक सीटें जीती जाएं। इस संबंध में पायलट की भूमिका अहम मानी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान से पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता जो नहीं खुल रहा था वह सचिन पायलट और अन्य नेताओं को साथ लेकर कांग्रेस राजस्थान से कम से कम लोकसभा की 10 सीट जीत पाई। पूर्वी राजस्थान में सचिन पायलट के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहने के कारण ही मीणा और गुर्जर ने कांग्रेस के पक्ष में एक साथ वोट किया । इसका फायदा कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में मिला। लिहाजा पंजाब के बाद राजस्थान में सुलह को लेकर पुरजोर कवायद चल रही है। 26 साल तक रही सांसदसाल 1991 में नरसिंह राव मंत्रिमंडल में उप -मंत्री से अपना सियासी सफर शुरू करने वाली हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के काफी नजदीक मानी जाती है । उन्हें 10 जनपथ का पारिवारिक सदस्य बताया जाता है। कुमारी शैलजा 26 साल तक सांसद रही और 15 वर्ष तक केंद्र में मंत्री। उनका राजनीतिक अनुभव भी काफी बड़ा है। सोनिया गांधी की काफ़ी नजदीक होने के कारण उन्हें सोनिया गांधी का संदेश लेकर जयपुर भेजने के लिए चुना गया। ( रिपोर्ट प्रमोद तिवारी)


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