Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

'CAG और EC की तरह CBI को पिंजरे से करें आजाद'...मद्रास हाई कोर्ट का अहम आदेश

चेन्नै मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को 'पिंजरे में बंद तोते को रिहा करने' का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए हैं ...

चेन्नै मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को 'पिंजरे में बंद तोते को रिहा करने' का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए हैं कि सीबीआई को एक स्वतंत्र एजेंसी बनाया जाए ताकि चुनाव आयोग और कैग की तरह सीबीआई भी ज्यादा स्वतंत्ररूप से काम कर सके। सीबीआई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि वह जनशक्ति की कमी जैसी बाधाओं के तहत काम कर रही है। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एन किरुबाकरण और जस्टिस बी पुगलेंधी की खंडपीठ ने कहा, 'सीबीआई पर लोगों का इस कदर भरोसा और विश्वास है कि जब भी कोई संवेदनशील, जघन्य अपराध होता है और स्थानीय पुलिस सही जांच नहीं करती तो सीबीआई जांच की मांग होती है। हाई कोर्ट ने कहा संसाधनों की कमी कोर्ट ने कहा, '... जब भी (ए) की जांच की मांग होती है तो वह कहती है कि उसके पास संसाधनों की और मैन पावर की कमी है। यह बहुत दुख की बात है कि इस आधार पर वह जांच नहीं कर सकती है। यह अदालतों के सामने सीबीआई का सामान्य रूढ़िवादी बचाव है।' इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी कोर्ट याचिका पथिकपट्टोर संगम के रहने वाले रामनाथपुरम ने दायर की थी। उन्होंने मांग की थी कि उनके ऊपर लगे चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए। हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए सीबीआई को स्वतंत्र एजेंसी बनाने का आदेश भी दिया। न्यायाधीशों ने सीबीआई के लिए एक अलग बजटीय आवंटन की सिफारिश की और एजेंसी के निदेशक को सरकार के सचिव के बराबर शक्तियां देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई प्रमुख सीधे संबंधित मंत्री या प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करेंगे। छह सप्ताह के भीतर प्रस्ताव भेजने का आदेश हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सीबीआई निदेशक को छह सप्ताह के भीतर कर्मचारियों की संख्या के साथ डिवीजनों और विंगों में और वृद्धि की मांग करने वाला एक विस्तृत प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद केंद्र तीन महीने के भीतर इस पर उचित आदेश पारित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को बताया था पिंजरे का तोता सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले 2013 में सीबीआई को 'अपने मालिक की आवाज में बोलने वाला पिंजरा तोता' कहा था, जब उसने तत्कालीन यूपीए सरकार को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की जांच करने का काम सौंपा था। हाई कोर्ट ने कहा कि एजेंसी के पास प्रतिनियुक्ति पर निर्भर रहने के बजाय अधिकारियों का एक समर्पित कैडर भी होना चाहिए। न्यायाधीशों ने पाया कि फरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट भी देर से मिलती है जिसके कारण सीबीआई की जांच पूरी होने में देरी होती है। सीएफएसएल लैब स्थापित करने का आदेश जस्टिस ने कहा कि प्रयोगशाला में अमेरिका और ब्रिटेन के स्कॉटलैंड यार्ड में एफबीआई के लिए उपलब्ध सुविधाओं के समान सुविधाएं होनी चाहिए। न्यायाधीशों ने कहा कि केंद्र को एक साल के भीतर दक्षिण, पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों में कम से कम एक सीएफएसएल स्थापित करना चाहिए।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/37TB1YI
https://ift.tt/37SCQ8k

No comments