कोटाराजजस्थान में बारिश (Rain in Rajasthan) अब दिनोंदिन हालात बिगाड़ रही है। प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं कई गा...

Flood in Rajasthan : राजस्थान के कोटा- हाड़ौती (Kota - Hadoti) संभाग में बारिश ने बुरा हाल कर दिया है। यहां लगातार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

कोटा
राजजस्थान में बारिश (Rain in Rajasthan) अब दिनोंदिन हालात बिगाड़ रही है। प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है। बारिश का सबसे जयादा असर कोटा- हाड़ौती (kota - hadoti )(संभाग में देखने को मिल रहा है। संभाग में आने वाले जिलों के कई इलाके जहां जलमग्न है। वहीं लोगों का जीवन बचाने के लिए यहां लगातार बचाव दल रेस्क्यू कर रहा है। रिपोर्ट के जरिए जानिए, राजस्थान के हाडौती संभाग का हाल ।
कोटा बैराज में खोले 10 गेट

लगातार छह दिनों से हो रही बारिश के बाद चंबल नदी के कोटा बैराज डैम को 19 में से 10 गेट खोले जा चुके हैं। चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बुधवार तडके 4 से 6 बजे तक डैम से चंबल से 1 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बांध के कैचमेंट एरिया में हुई मूसलाधार बारिश ने भी खतरा बढ़ा रखा है। वहीं जिले का लुहावद गांव टापू बन गया है।
बारां जिले के शाहबाद में सबसे ज्यादा बारिश , एनडीआरएफ कंपनी की तैनाती

राजस्थान का बारां जिला पूरा बाढ ग्रस्त हो रहा हैं। जिले के शाहबाद उपखंड ने बारिश का नया रिकॉर्ड कायम किया हैं। पिछले चार दिन में यहां 1013 एमएम बारिश हो गई। जिले का समस्त भूभाग समुद्र बना हुआ हैं। गांव, शहर, कस्बे टापू बने हुए हैं। बुधवार को यहां जयपुर से आकर एनडीआरएफ की कंपनी ने जिले में बाढग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए कमान संभाली हैं। एसडीआरएफ की एक कंपनी पहले से यहां तैनात हैं। एडीएम बृजमोहन के मुताबिक संभागीय आयुक्त केसी मीणा बुधवार को जिले के बाढग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर रहे।
बारां में तीन गर्भवती महिलाओं को बचाया

एसडीआरएफ की टीम ने नाव से केलवाडा क्षेत्र के अमरोली गांव में फंसी तीन गर्भवती कृष्णा, सकरिया व हेमलता को बचाकर अस्पताल पहुंचाया। अमरोली गांव टापू बना हुआ था। इन महिलाओं के परिवारों की सांसें जच्चे व बच्चे की जीवन सुरक्षा को लेकर चिंता सता रही थी। एसडीआरएफ टीम इंचार्ज मोरपाल के नेतृत्व में उफान में नाव उतारकर तीनों महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया। बारां एडीएम बृजमोहन के मुताबिक जिले के चतरगंज, हरिपुरा व मलोटी गांवों में फंसे 8 लोगों को सहकुशल एनडीआरएफ की टीम ने निकाला। सभी लोग खेतों में आए उफान में फंसे हुए थे। करीब 10 से 12 लोग और फंसे हुए थे। जिंन्हें सुरक्षित निकालने में एनडीआरएफ की टीम जुटी थी।
1850 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, कलेक्टर ने जाना हाल

बारां जिला प्रशासन ने बिलखेडामाल, कस्बानोनेरा, बल्टापुरा, गदरेटा, दांता, उनी, गणेशपुरा व खाण्डासहेरिया गांवों से करीब 1850 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। जबकि सोमवार व मंगलवार को शाहबाद व अंता इलाके में रेस्क्यू करते हुए 170 लोगों का रेस्क्यू किया गया था।
बूंदी का माछलिया बांध खतरनाक स्थिति में पहुंचा

बूंदी जिले में अत्यंत मूसलाधार बारिश के बाद हालात बिगड गए हैं। इस स्थिति ने जिलेभर में लोगों और प्रशासन के माथे पर चिंता की लकिरें खींच दी हैं। बूंदी जिला व सिंचाई विभाग प्रशासन के लिए नैनवां उपखंड का माछलिया बांध भारी चिंता पैदा कर रहा हैं। बांध अतिवृष्टि के कारण खतरनाक स्थिति में पहुंचा हुआ हैं। बांध के वेस्टवेयर पर साढे चार फीट की चादर चल रही हैं। ऐसे में जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग ने खतरे की स्थिति को भांपते हुए डाउन स्ट्रीम के दो गांवों को खाली करवा लिया गया। बिहारीपुरा व सहेण गांवों का पलायन करवाते हुए सरकारी भवनों में ग्रामीणों को शिफ्ट किया गया हैं। बूंदी जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने जनता से अपील की है, कि अत्यावश्यक होने पर ही बाहर निकलें। आपात स्थिति के लिए जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम के दूरभाष 747 2442305 या 747 244 7480 पर सूचना दें।
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