देहरादून उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकैडमी (आईएमए) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अफगानिस्तान के 80 से अधिक कैडेट्स ...

देहरादून उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकैडमी (आईएमए) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अफगानिस्तान के 80 से अधिक कैडेट्स का भविष्य अधर में अटक गया है। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन पर काबिज होने के बाद अब ये कैडेट्स अपने आने वाले समय को लेकर आशंकित हैं। ऐसे हालात में जब अफगानिस्तान में खुद सेना ने ही तालिबान के सामने सरेंडर कर चुकी है, ये कैडेट्स अब नहीं समझ पा रहे कि उन्हें आगे क्या करना होगा। आईएमए प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हिमानी पंत ने कहा, 'यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अफगानिस्तान के कैडेट के बारे में अफगान अधिकारियों से हमें अब तक कोई पत्र नहीं मिला है। वे अपने कार्यक्रम के मुताबिक प्रशिक्षण प्राप्त करने जा रहे हैं।' कैडेट्स के मन में परिवार की चिंताएं बढ़ीं वहीं आईएमए में मौजूद कैडेट्स के मन में अपने परिवार के प्रति चिंताएं बढ़ गई हैं। आईएमए में पहले और दूसरे सेमेस्टर के कैडेट्स के साथ अफगानिस्तान नैशनल आर्मी के अधिकारी प्री-कमीशन ऑफिसर्स भी ट्रेनिंग कर रहे हैं। इन कैडेट्स का प्रशिक्षण भारत और अफगानिस्तान के बीच 2011 में हुए एक समझौते के अनुरूप कराया जा रहा है। फिलहाल IMA ने यह साफ किया है कि वह अफगानी कैडेट्स की ट्रेनिंग को अभी नहीं रोक रहा है। अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भारत सरकार की नजर बता दें कि अफगानिस्तान में जारी घटनाक्रम के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी सारी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा है कि भारत सरकार अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए वहां का दूतावास भी सक्रिय है और हमारे अफसर लगातार वहां की पल-पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
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