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Jharkhand News : जब गेस्ट हाउस पर आ धमके तालिबानी, काबुल के हालात की आंखों देखी, जहाज पकड़वाने में की मदद

रवि सिन्हा, रांची अफगानिस्तान में फंसे झारखंड के तीन लोग सुरक्षित भारत वापस आ गए। एयरफोर्स के विमान से पहले गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहु...

रवि सिन्हा, रांची अफगानिस्तान में फंसे झारखंड के तीन लोग सुरक्षित भारत वापस आ गए। एयरफोर्स के विमान से पहले गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचे और फिर दिल्ली से रांची। जहां इन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में कब किसको गोली मार दी जाए, कहना मुश्किल है। काबुल से रांची लौटे झारखंड के तीन लोग बोकारो जिले के रहने वाले बबलू कुमार रविवार की देर शाम रांची पहुंचे। काबुल से वापस लौटे बबलू कुमार ने रांची एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान के हालात बहुत खराब हैं। कब कहां से आकर शरीर में गोली लग जाए, इसका कोई ठिकाना नहीं हैं। जल्द से जल्द सभी भारतीय नागरिकों को वापस लौट आना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नागरिकों के साथ तालिबान का व्यवहार खराब नहीं है, तालिबानी ने ही एयरपोर्ट में रास्ता दिलाकर उन्हें भारत वापस भेजने में मदद की। उन्होंने स्वदेश वापसी पर भारत सरकार के प्रयास के प्रति भी आभार जताया। निजी कंपनी में काम करने गए थे काबुल बबलू ने बताया कि कि वे एक निजी कंपनी में काम करते थे, जहां उन्हें हर महीने 1000 डॉलर मिलता था। लेकिन स्थिति खराब हो जाने के कारण करीब डेढ़ महीने की सैलरी उन्हें कंपनी से नहीं मिली। इस बीच भारत सरकार की ओर से देश के नागरिकों को वापस लाने का प्रयास शुरू हुआ। 160 भारतीय नागरिकों के साथ वे दिल्ली वापस लौटे। वहां से रांची आने में झारखंड के ज्योति जी की ओर से मदद की गई, क्योंकि उनके सारे पैसे खत्म हो गए थे। काबुल में डर और दहशत का माहौल काबुल से झारखंड अपने प्रदेश लौटे बबलू ने बताया कि 15 अगस्त से ही उनको आभास होने लगा था कि अब वहां रहना मुश्किल है। जिसके कारण निजी कंपनी के संचालक से बोलकर उन सभी ने वापसी का टिकट करा लिया था। कोविड-19 टेस्ट भी करा लिया था। मगर 16 अगस्त को जलालाबाद की ओर से तालिबानियों का काबुल में एंट्री हो गई। चारों तरफ गोलियां चल रही थी। जिस गेस्ट हाउस में वे रूके थे, वहां भी एक तालिबानी पहुंचा और पासपोर्ट चेक करने के बाद कहा कि जब तक वहां तालिबानी कमांडो न आ जाए, तब तक बाहर ना निकलें। रिश्ते अच्छे हुए तो फिर से जाएंगे काबुल बाद में तालिबानियों की सहमति से उन्हें होटल ले जाया गया। इस बीच काबुल एयरपोर्ट पर 20-25 हजार लोगों की भीड़ प्रतिदिन उमड़ रही है। एयरपोर्ट में प्रवेश करना भी मुश्किल हो रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार का भविष्य में अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते हुए तो वे फिर से काम करने के लिए काबुल जाएंगे। राजधानी रांची के रहने वाले अशफाक अहमद और बोकारो के बबलू कुमार के साथ झारखंड के एक अन्य नागरिक की भी रविवार को स्वदेश वापसी हुई।


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