पटना: बिहार के मुख्यमंत्री अपने साप्ताहिक '' कार्यक्रम में काफी नाराज नजर आए। ये तब हुआ जब भूमि विवाद और लोक शिकायत निवारण अधिकार...

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री अपने साप्ताहिक '' कार्यक्रम में काफी नाराज नजर आए। ये तब हुआ जब भूमि विवाद और लोक शिकायत निवारण अधिकारियों की ओर से पारित आदेशों का पालन न करने के संबंध में शिकायतों की फेहरिस्त सामने आई। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अफसरों की तगड़ी क्लास लगा दी। जनता की शिकायतों से अफसरों पर नाराज नीतीश सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण को जनता दरबार में बुलाया और पूछा कहा कि वो अपने अधीनस्थ अधिकारियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही को देखें। सीएम ने यह भी बताया कि भूदान आंदोलन भूमि से संबंधित मुद्दों और विवादों को देखने के लिए 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। नीतीश ने कहा कि 'आज तक, उस समिति की रिपोर्ट जमा नहीं की गई है।' मुख्य सचिव को नीतीश का निर्देश सीएम नीतीश ने मुख्य सचिव को यह भी समीक्षा करने के लिए कहा कि समिति ने अब तक क्या काम किया है और समिति ने अब तक किस तरह की प्रगति की है। सीएम ने विभिन्न जिलों के 153 लोगों की शिकायतें सुनीं और संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी किए। कार्यक्रम के दौरान सामान्य प्रशासन विभाग, गृह, राजस्व एवं भूमि सुधार, मद्यनिषेध, आबकारी एवं निबंधन, सतर्कता एवं खान एवं भूविज्ञान विभागों से संबंधित मामलों की सुनवाई मुख्यमंत्री द्वारा की गयी. मुजफ्फरपुर के एक युवक ने शिकायत की कि डीसीएलआर के कार्यालय और भूमि पंजीयक में बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं होता। युवक का आरोप था जिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी भूमि अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराने के लिए 10,000 रुपये तक की मांग करते हैं। नीतीश अपने अफसरों पर भड़के इस युवक की शिकायत के बाद सीएम नीतीश ने काफी नाराजगी जताई। इस दौरान सीएम ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व एवं भूमि सुधार) को आरोपों की गहराई से जांच करने को कहा।
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