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Rajasthan: कोटा में बाढ़ का कहर, अब तक 4 की मौत, 3 दर्जन से अधिक को रेस्क्यू किया

अर्जुन अरविंदकोटा । राजस्थान का कोटा संभाग पिछले छह दिनों से हैवी रैन फाॅल के कारण सुर्खियों में बना हुआ है। कोटा शहर सहित कोटा ग्रामीण जि...

अर्जुन अरविंदकोटा। राजस्थान का कोटा संभाग पिछले छह दिनों से हैवी रैन फाॅल के कारण सुर्खियों में बना हुआ है। कोटा शहर सहित कोटा ग्रामीण जिला बाढ़ से कहरा रहा है। बादल बरसते जा रहे हैं। सुबह से रात तक बादलों के झमाझम बरसते जाने से जिला प्रशासन के हाथ पांव फुले हुए हैं। प्रशासन का किसी बड़ी अनहोनी से सामना नहीं हो जाए। क्योंकि गांव के गांव नदियों के उफान, बरसाती नालों से उफान से घिरे हुए हैं। कच्चे मकान दरकते जा रहे हैं। बांध लबालब हो रहे हैं, तालाबों के वेस्टवेयर पर पानी की मोटी चादर चल रही हैं। इन स्थितियों को देखते हुए कोटा जिला कलेेक्टर उज्जवल राठौड ने आपात स्थिति को भांपकर सेना को राहत और बचाव कार्य के लिए बुलावा दे दिया हैं। आगे लगातार बारिश होती रही। बाढ़ खत्म नहीं हुई तो सेना बाढ़ग्रस्त इलाकों में नजर आने की पूरी संभावना बनी हुई है। क्योंकि कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर सैन्य टुकडी मय जरूरी संसाधनों के भिजवाने का आग्रह किया हैं। वर्तमान में एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, नगर निगम गोताखोर, होमगार्ड राहत बचाव दल में शाामिल हैं। आपको, बता दें बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कोटा सहित संभाग के चारों जिलों की बाढ़ की स्थिति के खतरे को भांपते हुए ट्वीट किया है। संभाग में सेना की मदद की जरूरत पड़ी तो वह भी ली जाएगी। जिले में पिछले छह दिनाें से अत्यंत भारी बारिश होने से हर तरफ पानी-पानी है। वहीं चंबल सिंचाई परियोजना के जवाहरसागर बांध और कोटा बैराज डैम के कैचमेंट एरिया में मंगलवार की रात भारी बारिश होने से दोनों बांधों में पानी की तेज आवक हुई। ऐसे में दोनों बांधों का लेवल मेनटेन करने के लिए जल संसाधन विभाग ने बुधवार तडके कोटा बैराज डैम के 10 गेट 90 फीट खोलकर करीब 1 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा। चंबल के किनारें बसें गांवों में हाई अलर्ट जारी किया। पानी की निकासी का दौर रात तक जारी रहा। वहीं कोटा में आलनिया, सावनभादो, रानपुर, लखावा, बडे तालाबों में पानी की तेज आवक रही। वहीं जिले में चंबल के साथ पार्वती, कालीसिंध, चंद्रेशल, अमझार नदियां भारी उफान पर रही। इनके सहायक बरसाती नाले भी भारी उफान पर रहे। इधर, कोटा शहर में पठार से सिमटकर पानी आने से कई नीचले इलाकों में बाढ़ के हालात बने रहें। ऐसे ही कैथून, इटावा, खातोली, सुल्तानपुर, दीगोद, कनवास, रामगंजमंडी आदि कस्बों में जलप्लावन की स्थिति रही। इटावा में रजोपा गांव में बुधवार को 6 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं मंगलवार देर रात को 30 से ज्यादा लोगों को खातोली कस्बे में पार्वती नदी का उफान आने से रेस्क्यू करते हुए आश्रय स्थलों पर भेजा। ऐसे में गांव के गलियाराें, बाजारों, घरों, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों के परिसरों में पानी जमा है। प्रशासन लगातार पानी की निकासी के इंतजाम में जुटा हुआ है। कोटा शहर में बुधवार को देवलीअरब, डीसीएम, प्रेमनगर, अनंतपुरा, वक्फनगर, श्यामनगर , छावनी, गोरधनपुरा, मानपुरा, नयानोहरा, चंद्रेशल आदि इलाकों में पानी भरा। नगर निगम के रेस्क्यू दल ने नावों के जरिए सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा। वहीं बूंदी रोड स्थित आगमगढ़ गुरूद्वारे में जलप्लावन हो गया। लोग गुरूद्वारे में दर्शन के लिए पानी में होकर गए। जिले में चार की मौतबाढ़ के दौरान कोटा-श्योपुर स्टेट हाइवे पर मंगलवार को पांच युवक कार से जालिमपुरा गांव से किशनगंज अपने गांव लौट रहे थे। गाय सामने आने पर कार अनियंत्रित होकर बरसाती नाले में जा कूदी। ऐसे में दो युवक हाइसे में बच निकले। लेकिन दो युवक की डूबने से मौत हो गई। जबकि एक युवक लापता हो गया। बुधवार तक उसका कोई सुराग नहीं लगा। रेस्क्यू टीमें गुरूवार को फिर से लापता युवक की तलाश करेंगी। इटावा सर्किल के पुलिस उपाधीक्षक विजयशंकर शर्मा के मुताबिक हादसे में पंकज, पवन की मौत हो गई। केशव घटना के बाद से बरसाती नाले में लापता है। वहीं प्रशांत और अनूप सुरक्षित बच निकले थे। इधर, खातौली गांव में मंगलवार को पार्वती नदी के उफान के बाद चंद्रप्रकाश पेंटर का परिवार सुरक्षित स्थान पर जीप से जा रहा था। इस दौरान पंचमुखी बालाजी के पास जीप पटल गई। इस हादसे में पांच साल की बालिका की दर्दनाक मौत हो गई। बुधवार रात को बूंदी रोड स्थित गोरधरपुरा गांव में दीवार ढह गई। हादसे में एक बालिका की मौत हो गई। घटना में मृतक बालिका के माता-पिता घाायल हुए हैं। स्टेट हाइवे और गांवों के रास्तेनदियों और बरसाती नालों में उफान आने से कोटा-श्योपुर स्टेट हाइवे जगह-जगह जाम है। कोटा-श्योपुर मार्ग पिछले एक सप्ताह से बंद पड़ा हुआ है। ऐसे में राजस्थान का मध्यप्रदेश से खातौली सीमा के यहां से संपर्क कटा हुआ है। कैथून में बाढ़ आने से कोटा-सांगोद स्टेट हाइवे बाधित रहा। छोटे गांवों की सड़कें भी बाधित पड़ी हैं। वहीं जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है, जरूरी होने पर ही घर से निकले। वहीं नदियों और नालों के बहाव क्षेत्र के पास नहीं जावें।


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