Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

चपरासी बना कैशियर, बैंक में किया 100 करोड़ का घोटाला, चार सीईओ समेत 14 नपे, खुद परिवार संग गायब

शिवपुरी स्थित कोलारस सहकारी बैंक में उजागर हुए 103 करोड़ के घोटाले की अधिकतर राशि नटवरलाल राकेश पाराशर ने हजम कर ली है। इसमें से आधे से अधिक ...

शिवपुरी स्थित कोलारस सहकारी बैंक में उजागर हुए 103 करोड़ के घोटाले की अधिकतर राशि नटवरलाल राकेश पाराशर ने हजम कर ली है। इसमें से आधे से अधिक राशि का बंदरबांट शिवपुरी और कोलारस बैंक की शाखाओं में होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, जो इस संस्था का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। शेष राशि को गोलमाल करने वालों की भी जिला स्तर पर छानबीन जारी है। इस बड़े घोटाले में सबसे बड़ी भूमिका कैशियर राकेश पराशर की है। पराशर इसी बैंक में चपरासी था, उसे कैशियर का चार्ज दिया गया था और उसने ये गड़बडी की है।

एमपी शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जिला सहकारी बैंक में एक चपरासी को कैशियर का चार्ज दिया गया था। उसने लोगों को अंधेरे में रखकर 100 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की है। इसके चलते बैंक के सीईओ रहे चार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है।


चपरासी बना कैशियर, बैंक में किया 100 करोड़ का घोटाला, चार सीईओ समेत 14 नपे, खुद परिवार संग गायब

शिवपुरी स्थित कोलारस सहकारी बैंक में उजागर हुए 103 करोड़ के घोटाले की अधिकतर राशि नटवरलाल राकेश पाराशर ने हजम कर ली है। इसमें से आधे से अधिक राशि का बंदरबांट शिवपुरी और कोलारस बैंक की शाखाओं में होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, जो इस संस्था का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। शेष राशि को गोलमाल करने वालों की भी जिला स्तर पर छानबीन जारी है। इस बड़े घोटाले में सबसे बड़ी भूमिका कैशियर राकेश पराशर की है। पराशर इसी बैंक में चपरासी था, उसे कैशियर का चार्ज दिया गया था और उसने ये गड़बडी की है।



खुलासे के बाद 13 सदस्यीय कमिटी ने शुरू की जांच
खुलासे के बाद 13 सदस्यीय कमिटी ने शुरू की जांच

सहकारी बैंक में गड़बड़ी की शिकायत सामने आने के बाद भोपाल के 13 सदस्यीय जांच दल कार्रवाई शुरू की। इस घोटाले में अभी तक महज तीन आरोपियों पर अपने जांच प्रतिवेदन के आधार पर 5 करोड 31 लाख रुपये के गबन की पुलिस प्रथमिकी दर्ज कराने में सफलता प्राप्त की है। लेकिन अभी भी पूरे घोटाले का जांच एजेंसी पर्दाफाश नहीं कर सकी है। वहीं, उक्त जांच ने सिमटने की जगह और व्यापक रूप अख्तियार कर लिया है, जिसके चलते शिवपुरी जिले के सभी तहसीलों में संचालित समीतियों की जांच करने की भी कवायद तेज हो गई है।



गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

वहीं, अभी तक शिवपुरी जिले के तीन कर्मचारियों को भी कार्रवाई की जद में लिया जा चुका है, लेकिन कोलारस शाखा में पदस्थ तात्कालीन दो प्रबंधक, जिनमें ज्ञानेंद्रदत्त शुक्ला और रमेश राजपूत और कैशियर राकेश पाराशर पर शासकीय राशि के गबन सहित अन्य गंभीर धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध पूर्व में पुलिस ने कर लिए हैं। सहकारिता और पुलिसिया कार्रवाई से पूर्व ही सभी आरोपी परिवार सहित फरार हैं। इनमें एक ग्वालियर, दूसरा इंदौर और तीसरा कोलारस थाने की परिधि के अंतर्गत आता है।



कैशियर राकेश पराशर इस घोटाले का मास्टरमाइंड
कैशियर राकेश पराशर इस घोटाले का मास्टरमाइंड

इस पूरे घोटाले का मास्टर माइंड चपरासी से कैशियर बना राकेश पराशर है। इसे पकड़ना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यह परिवार के साथ घर से गायब है। इसकी गिरफ्तारी के बाद ही बहुचर्चित घोटाले की परतें और राज खुलेंगे। राकेश पराशर फरार है, इसकी वजह से पुलिसिया जांच अटकी हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह किसी दूसरे राज्य में छिपकर रह रहा है।



परिवार का कोई सदस्य नहीं मिल रहा
परिवार का कोई सदस्य नहीं मिल रहा

घोटाला उजागर होने के बाद राकेश पराशर के परिवार के एक दर्जन सदस्य गायब हैं। किसी का कोई पता नहीं चल पा रहा है। अब सहकारिता विभाग इनकी संपत्ति अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी है। शिवपुरी एसपी राजेश सिंह चंदेल ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो-दो हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है।



परिवार का जिले में करोड़ों का कारोबार
परिवार का जिले में करोड़ों का कारोबार

इस समय राकेश पाराशर और उसका परिवार भूमिगत है। मगर पूरे जिले में उनके कारोबार आज भी पूर्व की तर्ज पर संचालित हैं। कारोबार से पैसा आ रहा है, उस पैसे को पाराशर परिवार के नजदीकी नौकर आज भी पूरी ईमानदारी से पाराशर के बैंक खातों में जमाकर परिवार तक पहुंचा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपी राकेश पाराशर के बड़े बेटे चंचल पाराशर की गाड़ी 10 दिन पहले मथुरा से वृंदावन जाते समय खराब हो गई थी, जिसे आगरा के एक गैराज में ठीक कराया गया। चंचल के पास गैराज का बिल जमा करने के लिए पैसे कम पड़ गया था, तब कोलारस से उनके एक कर्मचारी ने खाते में 20 हजार जमा किए थे। इसी तरह से परिवार के लोग अपने कर्मचारियों से पैसे मंगवा रहे हैं। मगर पुलिस ने आज तक इन कर्मचारियों के कॉल डिटेल्स को नहीं खंगाला है।



चार पूर्व सीईओ समेत 14 लोग निलंबित
चार पूर्व सीईओ समेत 14 लोग निलंबित

इस मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। शिवपुरी में सीईओ के पद पर पदस्थ रहे, जिन 4 बैंक अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें वर्तमान में टीकमगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ ए.एस. कुशवाह, वर्तमान में मुरैना में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ डी.के. सागर, वर्तमान में रीवा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ वाय.के. सिंह और वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवपुरी में पदस्थ लता कृष्णन शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि अपने कार्य का सही से निर्वहन नहीं किया। साथ ही 10 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।





from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/39K6oWq
https://ift.tt/3kOSTuQ

No comments