Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

सायनाइड मल्लिका: दूसरे मर्डर के लिए 7 साल इंतजार...फांसी उम्रकैद में बदली, सीरियल किलर की पूरी कहानी

बेंगलुरु कर्नाटक के बेंगलुरु में बाहरी इलाके से पुलिस को तीन महीने के अंदर पांच महिलाओं के शव मिले। महिलाओं के शरीर पर कोई भी जबरदस्ती के...

बेंगलुरु कर्नाटक के बेंगलुरु में बाहरी इलाके से पुलिस को तीन महीने के अंदर पांच महिलाओं के शव मिले। महिलाओं के शरीर पर कोई भी जबरदस्ती के निशान नहीं थे। पोस्टमॉर्टम से पता चला कि उन्हें सायनाइड देकर मारा गया था। लोगों के मन में कई सवाल थे... किसने इन वारदातों को अंजाम दिया? इन महिलाओं को मारने के पीछे क्या मकसद था? लोग मान रहे थे कि किसी पुरुष ने सारी हत्याएं की हैं। इन हत्याओं का राज खुला तो हर कोई हैरान था। किसी पुरुष ने नहीं, बल्कि इन सब महिलाओं को मारने वाली एक महिला ही थी। केडी केम्पम्मा नाम की इस महिला को सायनाइड मल्लिका नाम दिया गया। वह भारत की पहली महिला सीरियल किलर है, जिसे दोषी मानते हुए सजा दी गई। 7 साल का गैप बना राज केम्पम्मा ने 1998 में पहली हत्या हत्या की और उसके बाद 7 साल का गैप लिया। उसके बाद फिर बाकी हत्याएं कीं। हालांकि कहा जाता है कि गैप के दौरान भी उसने महिलाओं को निशाना बनाया, लेकिन यह आज तक राज ही है। मल्लिका की कहानी भी साधारण महिला की तरह ही थी। उसकी अपनी महत्वकांक्षाएं थीं, अपने सपने थे। बस उसके सपनों के रास्ते में जो आया, उन्हें उसने मौत के घाट उतार दिया। चाहिए थी हाइफाइ लाइफ स्टाइल केम्पम्मा का जन्म 1970 बेंगलुरु के उपनगरीय इलाके में हुआ। केम्पम्मा का परिवार साधारण था, लेकिन वह महत्वाकांक्षी थी। उसे एक हाइफाइ लाइफ स्टाइल चाहिए थी। केम्पम्मा ने किशोर उम्र में ही एक दर्जी से शादी की और जल्द ही मां बन गई। उसके बाद उसके दो और बच्चे हुए। केम्पम्मा अपनी लाइफ से खुश नहीं थी। उसने रातोंरात अमीर बनने का फैसला किया। उसने उन घरों से चोरी करना शुरू कर दिया, जहां वह काम करती थी। चिटफंड का शुरू किया काम, फिर ठगी वह और ज्यादा अमीर बनना चाहती थी। उसने अपने घर के पास एक चिटफंड शुरू किया। हालांकि, कंपनी को नुकसान हुआ और उसका परिवार कर्ज में डूब गया। केम्पम्मा को उसके पति ने गुस्से में घर से निकाल दिया। चिटफंड बिजनस में नुकसान के बाद सायनाइड मल्लिका ने रुपये कमाने के लिए दूसरा तरीका निकाला। उसने मुसीबत में फंसी सीधी-सादी महिलाओं और युवतियों को ठगना शुरू कर दिया और उसके बाद संपन्न परिवारों की महिलाओं को निशाना बनाया। सुनार के यहां नौकरी के दौरान मिला सायनाइड केम्पम्मा को एक सुनार के यहां नौकरी मिल गई। यहां उसे सायनाइड मिला। उसने फिल्में में देखा और सुना था कि सायनाइड एक जहर होता है। यहीं से उसने चोरी के लिए सायनाइड का प्रयोग करने की योजना बनाई। वह रोज मंदिर जाती और यहां आने-जाने वालों पर नजर रखने लगी। वह उन लोगों को चुनती जो परेशान थे। वह ऐसे लोगों से खुद को देवी शक्तियों वाली बताकर मिलती और कहती कि उनकी समस्याएं दूर कर देगी। पूजा के नाम पर महिलाओं को फंसाती वह लोगों को सारी समस्याएं दूर करने के लिए एक 'मंडला पूजा' करवाने को कहती। उनसे कहती कि पूजा के लिए वह अपने कीमती कपड़े और जेवर ही पहनकर आएं। वह उन्हें बाहरी इलाके की सुनसान मंदिर में पूजा के लिए बुलाती और आंख बंद करके पूजा करने को कहती। उसके बाद लोगों के ऊपर सायनाइड वाला पानी डालकर मारती और फिर सारे जेवर और मंहगे कपड़े लेकर फरार हो जाती। हर हत्या के बाद बदल लेती पहचान सायनाइड मल्लिका ने 1999 में बेंगलुरु के बाहरी इलाके में रहने वाली 30 वर्षीय अमीर महिला को निशाना बनाया। 59 वर्षीय महिला जो अपने लापता लड़के का पता लगाना चाहती थी, उसे मारा। एक महिला को अस्थमा से छुटकारा दिलाने के नाम पर मारा। वह हर एक हत्या करने के बाद अपनी पहचान बदल लेती थी। 2000 में, उसे एक घर से कीमती सामान चोरी करने के प्रयास के लिए गिरफ्तार किया गया था। केम्पम्मा को वहां एक समारोह आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन महिला चिल्लाई और उसके रिश्तेदारों ने उसे बचा लिया। हालांकि, उसे अपने अपराध के लिए केवल छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। कहा जाता है कि केम्पम्मा की पहली हत्या के सात साल बाद अन्य हत्याओं के बारे में पता चला। हालांकि कहा जाता है कि इस दौरान उसने कई अन्य लोगों को मारा लेकिन यह आज तक रहस्य ही है। उसके बाद 2007 में उसने तीन महीने के अंदर पांच महिलाओं की हत्या की। पुलिस एक नाम से उसे तलाशती, तब तक वह दूसरे नाम से दूसरा मर्डर कर देती। 2012 में सुनाई गई सजा पुलिस ने बताया कि वह सायनाइड देकर लोगों को मार रही थी। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसने खुद को मल्लिका बताया इसलिए उसका नाम सायनाइड मल्लिका पड़ गया। उसे 2012 में मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि बाद में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया। वह बेंगलुरु की पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में बंद है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3kZVYY9
https://ift.tt/3ti7wtp

No comments