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सोशल मीडिया से दूरी, 8-10 घंटे की पढ़ाई, वाराणसी के सौरभ ने यूं क्लियर किया UPSC

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी के अंतिम नतीजे शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। यूपीएससी के नतीजों ...

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी के अंतिम नतीजे शुक्रवार को घोषित कर दिए गए। यूपीएससी के नतीजों में कुल 761 परीक्षार्थी सफल हुए। काशी के लाल और पूर्व वायु सेना अधिकारी के पुत्र ने अपने तीसरे प्रयास में 346वीं रैंक लाकर काशी का गौरव बढ़ाया है। यूपीएससी की परीक्षा को पास करना सभी छात्रों का सपना होता है। वाराणसी के सौरभ यादव ने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग करने के बाद तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है। रैंक के हिसाब से इन्हें आईपीएस कैडर मिलेगा। तीसरे प्रयास में मिली सफलता मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले सौरव यादव के पिता राम यादव वायुसेना में एयरमैन पद से सेवानिवृत्त होने के बाद बरेका में कार्यरत है। सौरभ यादव ने एनबीटी ऑनलाइन से खास बातचीत में बताया कि यह उनका तीसरा प्रयास था। तीसरे प्रयास में उन्हें 346वी रैंक मिली है। तैयारियों के बारे में उन्होंने बताया कि इस दरमियान वह तकरीबन रोज 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते थे। साथ ही सोशल मीडिया से उन्होंने खासतौर पर दूरी बनाकर रखी थी। सोशल मीडिया के नाम पर बस वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते थे। इंटरव्यू में सबसे ट्रिकी सवाल राजनैतिक पार्टियों पर था इंटरव्यू के दौरान सौरभ यादव का 5 एक्सपर्ट लोगों के पैनल ने इंटरव्यू किया। तकरीबन सभी ने 5 से 6 सवाल पूछे। सबसे कठिन सवाल राजनीतिक दलों की पारदर्शिता पर किया गया। जब सौरभ से यह पूछा गया कि वर्तमान राजनीतिक दलों में पारदर्शिता और फंडिंग को लेकर आप क्या सोचते हैं? इस सवाल के जवाब में सौरभ ने बताया कि यह सिस्टम का एक लूप होल है कि राजनीतिक दल फंडिंग को लेकर अकाउंटेबल नहीं है। साथ ही उन्होंने राजनीतिक रूप से वोटिंग पैटर्न पर भी अपने विचार रखे। जनता के मन से पुलिस का डर खत्म करना प्राथमिकता आईपीएस अधिकारी के रूप में चयनित होने के बाद एनबीटी ऑनलाइन ने सौरभ यादव से पूछा कि अगर पुलिस विभाग में कोई सुधार करने की आवश्यकता हो तो किस पर आपका फोकस होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता के मन में एक डर पुलिस को लेकर रहता है। सबसे पहले मेरी प्राथमिकता इस डर को खत्म करने की और पुलिस और जनता के बीच एक दोस्ताना माहौल बनाने की होगी। स्कूलिंग चेन्नै से, इंजीनियरिंग की पढ़ाई रुड़की से वायु सेना में कार्यरत होने की वजह से पिता का ट्रांसफर अक्सर होता रहता था। सौरभ की शुरुआती पढ़ाई चेन्नै से हुई फिर सातवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई अम्बाला से हुई। फिर आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। कम संसाधन में ज्यादा आउटपुट देना जानते हैं इंजीनियर एनबीटी ऑनलाइन ने जब सौरभ से पूछा कि यूपीएससी में ज्यादातर इंजीनियर ही क्यों पास करते हैं तो यादव ने कहा कि इंजीनियरिंग में हम लोगों को कम से कम संसाधनों के साथ ज्यादा आउटपुट देना सिखाया जाता है। इसलिए टाइम मैनेजमेंट हो या सेलेक्टिव स्टडी मटीरियल पढ़ने की बात हो, ये टेक्नीक थोड़ा इंजीनियरिंग स्ट्रीम वालों को मदद करता है।


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