जयपुर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल जयपुर स्थित विपश्यना केंद्र में एक 'आम आदमी' की जिंद...

जयपुर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल जयपुर स्थित विपश्यना केंद्र में एक 'आम आदमी' की जिंदगी जी रहे हैं, जहां वह सभी वीआईपी सुविधाओं से दूर रह रहे हैं और सुबह चार बजे उठ जाते हैं। जयपुर के विपश्यना केंद्र में अरविंद केजरीवालविपश्यना ध्यान केंद्र (धम्म थली) में केजरीवाल बिना किसी सहयोगी के खुद अपना सारा काम कर रहे हैं। केजरीवाल रविवार को 10 दिवसीय विपश्यना शिविर में शामिल होने जयपुर पहुंचे थे।विपश्यना केंद्र में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से ध्यान करने वाले साधकों की भीड़ उमड़ती है। जयपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर पहाड़ी की तलहटी में घने जंगलों के बीच बसा विपश्यना ध्यान केंद्र सदियों से शांति चाहने वालों को आकर्षित करता रहा है। विपश्यना का अभ्यास करने वालों को बोलने की अनुमति नहीं होती है और यह नियम दिल्ली के मुख्यमंत्री पर भी लागू है और वह केंद्र पर अपने प्रवास के दौरान मौन धारण किए हुए हैं। आम आदमी की तरह 'आम आदमी पार्टी' चीफ केजरीवाल केंद्र के उन सभी सत्रों में भाग ले रहे हैं, जिनमें अन्य ध्यान लगाने वाले व्यक्ति भी ले रहे हैं। वह अन्य लोगों की तरह ही सभी नियमों का पालन भी कर रहे हैं। सुबह 4 बजे से सुबह 6 बजे तक, वह अपने ध्यान कक्ष में रहते हैं, जिसके बाद वह अपने नियमित सुबह के कार्यक्रम जैसे स्नान, नाश्ते आदि के लिए जाते हैं। केंद्र में ध्यान लगाने के पहुंचा प्रत्येक व्यक्ति खुद को तलाशने के लिए एक कमरे में रहता है और भोजन दिन में केवल एक बार ही परोसा जाता है। यही नियम दिल्ली के सीएम पर भी लागू होते हैं। विपश्यना के बहाने नजर सियासत पर तो नहीं? दोपहर के भोजन के बाद, एक घंटे की आराम अवधि होती है। सोने से पहले, अभ्यासियों को एक वीडियो दिखाया जाता है, जो विपश्यना के लाभों को दर्शाता है। एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि एक आम आदमी नेता केंद्र में एक आम आदमी की तरह ही भोजन और दिनचर्या निभा रहा है। स्थानीय पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की कि केजरीवाल ने इस दौरे को व्यक्तिगत रखा है और वह किसी स्थानीय नेता के संपर्क में नहीं हैं। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने आईएएनएस से कहा कि "विपश्यना का मतलब सांसारिक मामलों से अलग होना है और हमारे मुख्यमंत्री भी उसी नियम का पालन कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की रणनीति के तहत हम राजस्थान की सभी 200 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने कहा कि आप राज्य में विस्तार मोड पर है और नए लोगों को नई जिम्मेदारी दी जाएगी। इनपुट- आईएएनएस
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