पटना बच्चों में मानसून से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं, जिससे राजधानी पटना के सभी महत्वपूर्ण सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है। PMCH और...
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पटनाबच्चों में मानसून से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं, जिससे राजधानी पटना के सभी महत्वपूर्ण सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है। PMCH और NMCH की बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाइयों (PICU) और नवजात गहन देखभाल इकाइयों (NICU) में बेड की कमी भी हो रही है. मॉनसून के चलते बच्चे पड़ रहे बीमार- डॉ बिनोद कुमार सिंह एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि मानसून की बीमारियों ने अस्पताल में बाल रोगियों की संख्या में वृद्धि की है। उनके मुताबिक 'बाल चिकित्सा वार्ड में 84 बिस्तरों के मुकाबले 87 बच्चे भर्ती हैं। एनआईसीयू में सभी 22 और पीआईसीयू में 15 बेड फुल हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि इसमें से कोई भी भी केस कोरोना का नहीं है। हम अन्य विभागों से अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करके 761 बेड के मुकाबले 836 मरीजों को एडजस्ट कर रहे हैं। दवाओं, इंजेक्शन या ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और सभी रोगियों को उचित चिकित्सा देखभाल दी जा रही है।' PMCH में फर्श पर लगाए गए अतिरिक्त बेड पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आईएस ठाकुर ने कहा कि भर्ती मरीजों की संख्या बेड से अधिक है। उनका कहना है कि 'हालांकि, हमने फर्श पर अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की है। सभी गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध है और चिंता की कोई बात नहीं है। बाल रोग विभाग में करीब 125 बिस्तर हैं। ज्यादातर बच्चों को तेज बुखार, खांसी और निमोनिया जैसी मानसून संबंधी समस्याएं पेश आई हैं।' पटना एम्स में भी आ रहे मामले पटना एम्स में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ लोकेश तिवारी ने कहा कि बाल रोग विभाग में लगभग 60% बिस्तर भी भरे हुए थे, जबकि इसके पीआईसीयू में लगभग 80% तक थे। उनके मुताबिक 'सांस संबंधी परेशानी, तंत्रिका संबंधी समस्याएं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण, निमोनिया और तेज बुखार ऐसे महत्वपूर्ण रोग हैं जिनसे बच्चे पीड़ित हैं।' पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी सिंह ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी में पहले परामर्श के बाद, गंभीर समस्याओं वाले बच्चों को बेहतर इलाज के लिए आमतौर पर पीएमसीएच और एनएमसीएच ले जाया जाता है। बच्चों का ऐसे रखें खास ख्याल आपके बच्चे इस मौसम वाली बीमारियों की चपेट में न आएं इसके लिए कुछ खास ख्याल रखने जरूरी हैं।
- बच्चों को आइसक्रीम बिल्कुल नहीं खिलाएं
- बच्चों के भीगे कपड़ों को फौरन बदलें
- उन्हें बरसात में भीगने या खेलने न दें
- बच्चों को घर का बना ताजा और गर्म खाना ही खिलाएं
- अगर घर में फिल्टर नहीं तो बच्चों को पानी उबाल कर -छान कर पिलाएं
- बच्चों को मच्छरों से बचाकर रखें, सोते समय खासतौर पर मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- बच्चों को बुखार होने पर डॉक्टर से दिखाएं, खुद दवाएं न दें
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