पटना में इस बार कई चीजें नई है। नॉमिनेशन के साथ ही चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ता जा रहा है। अपने हिसाब से उम्मीदवार गोटियां सेट करने में लगे...

पटना में इस बार कई चीजें नई है। नॉमिनेशन के साथ ही चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ता जा रहा है। अपने हिसाब से उम्मीदवार गोटियां सेट करने में लगे हैं। प्रचार को लेकर भी चुनाव आयोग ने इस बार नया प्रयोग किया है। रिक्शा, बैलगाड़ी और टमटम से प्रचार पंचायत चुनाव 11 चरणों में कराए जा रहे हैं। 8 हजार 72 पंचायतों के 2 लाख 55 हजार 22 पदों पर चुनाव है। पहले चरण का मतदान 24 सितंबर और 11वें चरण का मतदान 12 दिसंबर को होगा। इस बार चुनाव में रिक्शा, बैलगाड़ी और टमटम से भी प्रचार की अनुमति दी जाएगी। प्रचार में गाड़ियों को लेकर गाइडलान बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में गाड़ियों के इस्तेमाल को लेकर भी गाइडलाइन जारी किया है। ग्राम पंचायत के सदस्य और ग्राम कचहरी के पंच के प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के लिए मात्र एक दोपहिया वाहन, मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति के सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो दोपहिया वाहन और एक हल्का मोटर वाहन का उपयोग करना है। जिला परिषद सदस्य पद के उम्मीदवार अधिकतम चार दोपहिया या दो हल्के वाहन और एक हल्का मोटर वाहन इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए उम्मीदवार को प्रखंड कार्यालय के वाहन कोषांग में आवेदन देना होगा। सभी प्रखंड में इसके लिए काउंटर के साथ अलग से व्यवस्था की गई है। चुनाव प्रचार के खर्च पर पैनी नजर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से चुनाव संपन्न कराने को लेकर निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है। यही नहीं वोटों की गिनती होने के 15 दिन के भीतर चुनाव खर्च का ब्योरा निर्वाची पदाधिकारी के पास जमा करना जरूरी है। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा नहीं करता है तो अगले चुनाव में प्रत्याशी बनने से रोका जा सकता है।
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