नोएडा गौतमबुद्धनगर में सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा अनावरण विवाद के कारण प्रदेश सरकार की छवि खराब हुई है। जानकारों का कहना है कि इसका खमियाजा...
नोएडा गौतमबुद्धनगर में सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा अनावरण विवाद के कारण प्रदेश सरकार की छवि खराब हुई है। जानकारों का कहना है कि इसका खमियाजा दादरी, जेवर और नोएडा विधायक में से किसी को भी मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने से भुगतना पड़ा। पिछले कई महीने से मंत्रिमंडल विस्तार होने तक चर्चा थी कि जिले से एक विधायक को मंत्री बनाया जाएगा। ये चर्चा है कि जिले में आपसी अंदरूनी कलह की वजह से विवाद को तूल दिया गया। चर्चा है कि यह सब मंत्रिमंडल के विस्तार होने पर जगह पाने के लिए एक दूसरे की छवि खराब करने के मकसद से किया गया। दादरी विधायक ने भी अपनी लोकप्रियता दिखाने के लिए शिक्षण संस्थान के प्रोग्राम को सभा में बदल दिया। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा अनावरण के चलते भारी भीड़ एकत्र होगी। जिससे मुख्यमंत्री खुश होंगे और मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। प्रतिमा अनावरण के बाद विवाद इतना बढ़ा कि सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद, शिवपाल यादव ने ट्वीट कर सरकार को घेरा। सोशल मीडिया पर भी आलोचना का सामना करना पड़ा। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण से विवाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पिछले सप्ताह दादरी के मिहिर भोज डिग्री कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। गुर्जर समाज का मानना है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर शासक थे। वहीं, राजपूत समाज का कहना है कि वो प्रतिहार वंश के शासक थे। ठाकुर समाज के लोग सम्राट मिहिर भोज के नाम से पहले गुर्जर शब्द लिखने का विरोध कर रहे हैं।
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