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बीजेपी में नई रार , कैलाश मेघवाल के चिट्ठी बम में कटारिया पर कई आरोप, निंदा प्रस्ताव लाने तक की तैयारी

जयपुर राजस्थान बीजेपी में खेमेबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ रही है। विधानसभा सत्र से दो दिन पहले ही बीजेपी में एक और चिट्ठी बम फटा है। इसम...

जयपुरराजस्थान बीजेपी में खेमेबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ रही है। विधानसभा सत्र से दो दिन पहले ही बीजेपी में एक और चिट्ठी बम फटा है। इसमें वसुंधरा राजे के करीबी पूर्व विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बीच की तकरार फिर से सामने आ गई है। मेघवाल ने एक बार फिर कटारिया के खिलाफ लेटर बम फोड़ा है। इस पत्र में मेघवाल ने कटारिया को पद से हटाने की मांग की है। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में मेघवाल ने कटारिया की महाराणा प्रताप और भगवान श्रीराम को लेकर की गई टिप्पणी का हवाला दिया गया है। मेघवाल ने लिखा है कि कटारिया के इस बयान से पार्टी को भारी नुकसान हुआ है। निंदा प्रस्ताव लाने की बात मेघवाल ने भाजपा विधायक दल की बैठक में कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही है। मेघवाल ने इस चिट्ठी की एक प्रति भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां सहित सभी विधायकों को भेजी है। मेघवाल ने विधायक दल की बैठक अध्यक्षता पूनियां से करने के लिए कहा है। इस पत्र की कॉपी सभी विधायकों को भिजवा दी गई है। कटारिया ने दिया जवाब लेटर बम सामने आने के बाद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आदरणीय कैलाश मेघवाल ने मेरे खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के लिए चिट्ठी लिखी है। उन्होंने मुझ पर और भी कई आरोप लगाए हैं। ऐसे में पार्टी मेरे विरूद्ध जो भी कार्यवाही करने का फैसला लेगी, उसे सहर्ष स्वीकार करूंगा। लाखों-करोड़ों की हेराफेरी का भी लगाया आरोप मेघवाल ने पत्र में आरोप लगाया कि कटारिया खुद पर दाग नहीं लगने की बात करते हैं , लेकिन कटारिया की छत्रछाया में पार्टी पद और टिकट बंटवारे में लाखों-करोड़ों रुपए की हेराफेरी होती रही है। अशोक परनामी ने लाखों रुपयों को वापस लौटवाया था। यदि आरएसएस का रक्षा कवच हट जाए और इसकी सार्वजनिक जानकारी हो जाए तो दर्जनों माई के लाल सामने आ जाएंगे। पत्र में यह है लिखा मेघवाल ने लिखा है कि कटारिया ने 13 अप्रैल को राजमसंद में एक चुनावी सभा में महाराणा प्रताप को लेकर बयान दिया था। इसके बाद उन्होंने खूब माफी भी मांगी, लेकिन उनके बयान के चलते रामसमंद में पार्टी को वोटों का खासा नुकसान हुआ। इस बयान का मामला ठंडा पड़ा भी नहीं था कि उन्होंने भगवान राम को टिप्पणी कर दी कि 'भाजपा नही होती तो भगवान राम समु्द्र में होते'। कटारिया के इन बयानों की वजह से सर्व समाज ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं और उनका इस्तीफा तक मांगा गया। यही नहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में भी असंतोष उभरा। कटारिया ने पत्र में कांग्रेस सरकार को लुुजपुंज बताया और कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी के बावजूद हम तीनों उप चुनाव नहीं जीत पाए। क्या गारंटी है कि कटारिया के बयानों का अस्तित्व भविष्य में समाप्त हो जाएगा। ऐसा होना बिलकुल असंभव है। मेघवाल ने पत्र में तीनों उप चुनावों का विश्लेषण भी दिया है।


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