पटना एलजेपी नेता और जमुई से सांसद चिराग पासवान () ने बिहार में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव (Bihar Assembly Byelection) में उम्...

पटना एलजेपी नेता और जमुई से सांसद चिराग पासवान () ने बिहार में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव (Bihar Assembly Byelection) में उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि तारापुर और कुशेश्वर स्थान विधानसभा सीट पर पार्टी दावेदारी करेगी। हम राज्य में सत्ताधारी एनडीए के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेंगे। एलजेपी में टूट के बावजूद चिराग के इस ऐलान ने कहीं ना कहीं नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू की टेंशन जरूर बढ़ा दी है। जानिए कैसे? अभी उपचुनाव का ऐलान नहीं, पर चढ़ने लगा सियासी पारा दरअसल, बिहार की जिन दो सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं वो जेडीयू के खाते में गई थीं। तारापुर से मेवालाल चौधरी और कुशेश्वर स्थान से शशिभूषण हजारी ने जीत हासिल की थी। हालांकि, दोनों विधायकों के असमय निधन के बाद अब यहां उपचुनाव होने हैं। अभी चुनाव आयोग ने इसको लेकर कोई ऐलान नहीं किया है लेकिन सभी प्रमुख सियासी दल तैयारी में जुट गए हैं। दोनों सीटों पर जीत हासिल कर चुकी जेडीयू के लिए ये सम्मान की लड़ाई है। दूसरी ओर महागठबंधन में शामिल आरजेडी और कांग्रेस भी इन सीटों पर अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं। एलजेपी में टूट के बीच चिराग ने किया बड़ा ऐलानइसी बीच जिस तरह से चिराग पासवान ने दोनों सीटों पर उतरने का ऐलान किया है, उससे ये उपचुनाव और दिलचस्प रुख लेता नजर आ रहा है। खासतौर से एलजेपी में टूट के बाद भी उनका ये कदम बेहद अहम माना जा रहा। दरअसल, एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के कुछ महीने बाद ही उनके भाई पशुपति कुमार पारस और पार्टी के दूसरे सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग के खिलाफ बगावत कर दी थी। जिसके बाद चिराग को संसदीय दल के नेता का पद गंवाना पड़ा था। अब क्या होगा चाचा पशुपति पारस का इस फैसला? यही नहीं केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में भी पशुपति कुमार पारस को ही जगह दी गई। इसके बाद पार्टी पर किसका अधिकार है यह मामला अभी चुनाव आयोग में है। आयोग की तरफ से अभी यह साफ नहीं किया गया है कि एलजेपी पर किसका अधिकार है। ऐसे में चिराग के उपचुनाव लड़ने के ऐलान पर पारस गुट का क्या रिएक्शन होगा, इसका भी इंतजार है। चिराग के कैंडिडेट उतारने से क्या जेडीयू की बढ़ेंगी मुश्किलें? हालांकि, चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी में उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं, इस पर एक पॉलिटिकल ऑब्जर्वर ने कहा, 'चिराग के उम्मीदवार उतारने के फैसले से सत्ताधारी जेडीयू के लिए लड़ाई कठिन हो जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार चुनाव के दौरान सीटों पर एलजेपी ने सीएम नीतीश कुमार की पार्टी को नुकसान पहुंचाया था।' उन्होंने कहा कि पासवान समुदाय के वोटर तारापुर और कुशेश्वर स्थान दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में हैं। अगर वे चिराग के उम्मीदवारों के पक्ष में वोटिंग करते हैं, तो जेडीयू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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