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Nalanda News : मां शराब बनाती थी और बेटा बेचता था, फिर भी कोर्ट ने कर दिया बरी, जानिए क्यों

नालंदा मां देसी शराब बनाती थी और बेटा बेचता था। किसी ने इसकी शिकायत आबकारी वालों से कर दी। फिर शराब बेचते वक्त बेटा पकड़ा गया। नाबालिग हो...

नालंदा मां देसी शराब बनाती थी और बेटा बेचता था। किसी ने इसकी शिकायत आबकारी वालों से कर दी। फिर शराब बेचते वक्त बेटा पकड़ा गया। नाबालिग होने की वजह से मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के पास पहुंचा। के प्रधान न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा ने नाबालिग को शराब बेचने के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया। नालंदा जेजेबी कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन 2016 की धारा 30 (ए) के तहत नालंदा में एक नाबालिग के खिलाफ केस दर्ज था। अगस्त में देसी शराब बेचते समय आबकारी अधिकारी ने गिरफ्तार किया था। जेजेबी कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। साथ ही समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक और नालंदा के बीडीओ को निर्देश दिया कि नाबालिग की मां को जीविका के तहत सामाजिक कल्याण की योजनाओं से जोड़ा जाए। ताकि वो सम्मानपूर्वक कमाई कर सके। पढ़ने और नौकरी की चाहत पर पसीज गए जज अदालत ने बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (सीडब्ल्यूपीओ) को मां-बेटे की निगरानी करने का भी निर्देश दिया। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) राजेश पाठक ने कहा कि आबकारी उपनिरीक्षक ने नाबालिग को नालंदा थाना क्षेत्र के एक गांव से दो लीटर देसी शराब के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपों के मुताबिक 25 अगस्त को शराब बेचने जा रहा था। इसी मामले में उसे कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी के नाबालिग होने की वजह से उसे जिला किशोर न्यायालय भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान किशोर ने बताया कि उसकी मां देसी शराब बनाती है और वो उसे आसपास के गांवों में बेचता है। इस साल बिहार बोर्ड से द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा पास की है और ग्यारहवीं में एडमिशन लिया है। आगे भी पढ़ने की इच्छा है और सम्मानजनक नौकरी करने की चाहत है। लेकिन मां ने उसे देसी दारू बेचने के लिए मजबूर किया। बिहार की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला पूरे मामले को सुनने के बाद जज मानवेंद्र मिश्र ने कहा कि ऐसा लगता है कि महिला के परिवार को ताड़ी प्रसंस्करण संयंत्र और नीरा बनाने के लिए योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिला, जिसे राज्य सरकार ने शुरू किया है। नाबालिग को आरोपों से मुक्त करते हुए अदालत ने कहा कि जैसा कि किशोर और उसकी मां ने अपने किए गए अपराध के लिए अफसोस जाहिर किया और भविष्य में इससे दूर रहने का लिखित आश्वासन दिया है। अदालत ने किशोर लड़के की उचित देखभाल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शराबबंदी कानून से मुक्त कर दिया। जेजेबी के बाकी सदस्यों ने भी आदेश पर सहमति जताई।


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