पटना राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक बिहार में लॉकडाउन के दौरान भी अपराधी पुलिस पर भा...

पटना राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक बिहार में लॉकडाउन के दौरान भी अपराधी पुलिस पर भारी पड़े। इस रिपोर्ट के मुताबिक दो गंभीर मामलों में बिहार टॉप पर रहा। ATM फ्रॉड हो या पुलिस पर हमला- टॉप पर बिहारNCRB (National Crime Records Bureau) की तरफ से जारी 'क्राइम इन इंडिया-2020' रिपोर्ट में एटीएम धोखाधड़ी, संपत्ति विवाद और पुलिस श्रेणियों पर हमलों में बिहार टॉप पर है। बिहार में पिछले साल एटीएम धोखाधड़ी के 642 मामले, भूमि और संपत्ति विवाद के 4,838 मामले और पुलिस कर्मियों और सरकारी अधिकारियों पर हमले के 77 मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोनाकाल में क्राइम के मामले 28% बढ़ेदरअसल कोरोना के कहर के चलते साल 2020 में लोगों का ज्यादातर वक्त घर के अंदर बीता। लॉकडाउन रहा, पाबंदियां रहीं, वर्क फ्रॉम होम चलता रहा, सड़कें और बाजारों में हलचल काफी कम थी। मगर आपराधिक वारदातें घटने की बजाए बढ़ गई। ऐसे समय में भी देश में अपराध के मामले 28 फीसदी बढ़ गए। हालांकि इनमें ज्यादातर मामले कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन से जुड़े थे। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ क्राइम में कमी आई है। कोरोना काल में ऑनलाइन फ्रॉड, सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना के मामले तेजी से बढ़े हैं। बिहार में औसतन 9 लोगों की रोजाना हत्यासाल 2020 में रोज औसतन 80 हत्याएं देश में हुईं और कुल आंकड़ा 29,193 पहुंच गया। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। यूपी में 3 हजार 779 लोगों की हत्याएं की गई। जबकि बिहार दूसरे नंबर पर रहा, यहां 3 हजार 150 लोगों का मर्डर हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र, एमपी, पश्चिम बंगाल और दिल्ली का नंबर है। 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक कोविड-19 महामारी के कारण देश में लॉकडाउन था।
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