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महज 20 रुपये के लिए सिर कुचलकर ले ली जान, सबूत मिटाने के लिए तेजाब से नहलाया!

गाजियाबाद गाजियाबाद में 11 साल के एक बच्चे का खून से लथपथ शव मिला। किसी भारी चीज से सिर कुचला गया था। चेहरा ऐसा हो गया था कि पहचानना मुश्...

गाजियाबाद गाजियाबाद में 11 साल के एक बच्चे का खून से लथपथ शव मिला। किसी भारी चीज से सिर कुचला गया था। चेहरा ऐसा हो गया था कि पहचानना मुश्किल हो रहा था। परिवार का आरोप है कि चेहरे पर तेजाब डाला गया था। पुलिस जांच आगे बढ़ी तो बच्चे की किसी तरह पहचान हुई। तब पता चला कि वह अपने 3 दोस्तों के साथ खेलने निकला था। दोस्तों की उम्र भी 11 से 15 साल के बीच है। उन्हीं लड़कों से 20 रुपये के लिए उसका झगड़ा हुआ। पुलिस का दावा है कि उन दोस्तों ने ही किसी भारी चीज से बच्चे के सिर और चेहरे को कुचलकर हत्या कर दी। कुछ लोगों को इस मामले में हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। एकलौता बच्चा था सन्नी विजय नगर थाना इंचार्ज योगेंद्र मलिक ने बताया कि जिस बच्चे की हत्या हुई, उसका नाम सन्नी उर्फ अनुज है। सुदामापुरी की आदर्श कॉलोनी में उसके पिता लटूरी रहते हैं। लटूरी के बड़े भाई सतप्रकाश ने बताया कि सन्नी इकलौती संतान थी। देर रात तक घर नहीं लौटा तो ढूंढा गया शुक्रवार दोपहर में खाना खाने के बाद सन्नी बैठा था, तभी उसके 3 दोस्त खेलने के लिए बुलाने आए थे। उन्हीं के साथ वह गया था। देर रात तक घर नहीं लौटा को परिवार के लोग थाने में शिकायत लेकर पहुंचे। वीभत्स तरीके से की हत्या दूसरी तरफ पुलिस को कुछ देर पहले ही एक बच्चे का शव क्रॉसिंग रिपब्लिक में सेवियर सोसायटी के पास मिला था। परिवार ने उस शव की पहचान सन्नी के रूप में की। हत्या इतने वीभत्स तरीके से हुई थी कि पुलिस भी कुछ देर के लिए केस से जुड़ा कोई लिंक समझ नहीं पा रही थी। 'नशे की हालत में थे तीनों दोस्त' पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सन्नी के तीनों दोस्तों की उम्र भी 11 से 15 साल के बीच थी। तीनों किसी न किसी तरह का नशा करते थे। दोपहर में सन्नी उनके साथ खेलने गया, तब वे नशे में थे। उसी दौरान सन्नी से तीनों ने 20 रुपये मांगे। सन्नी ने रुपये देने से मना किया तो मारपीट शुरू कर दी। झगड़ा बढ़ने पर तीनों लड़कों ने किसी भारी वस्तु से सन्नी के सिर और चेहरे पर कई वार किए। कुछ ही देर में सन्नी की मौत हो गई तो शव को छोड़कर भाग गए। 'परेशान करती हैं ऐसी घटनाएं' मनोचिकित्सक डॉ. संजीव त्यागी ने कहा कि ऐसी घटनाएं हमेशा परेशान करती हैं। बच्चा अपने पैरंट्स के सामने बड़ा होता है। उसकी हर अच्छी-बुरी बात पैरंट्स ठीक से समझते हैं। कई बार उसके बचपने या अपनी व्यस्तता की वजह से मां-बाप ध्यान नहीं देते तो हालात यहीं से बिगड़ते हैं। 11 साल तक बच्चे को संभालने की पूरी जिम्मेदारी पैरंट्स की है। जैसी परवरिश करेंगे, वैसा ही अनुसरण बच्चा करता है। बच्चे की बेहतर परवरिश के लिए इन टिप्स को जरूर ध्यान में रखेंः
  • बच्चों के लिए कुछ प्रोटोकॉल बनाएं। कड़ी निगाह रखें कि उसे बच्चा फॉलो कर रहा या नहीं।
  • प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर बच्चे को सजा देने से ज्यादा फोकस उसके फायदे बताने पर रखें।
  • बच्चे की अच्छाई और कमियों को दूर करने के लिए डांटना विकल्प नहीं है। डांटने की जगह उसे प्यार से समझाने को तरजीह दें।
  • डांटने या मारपीट करने पर बच्चे उस ग्रुप में जाना पसंद करते हैं, जहां उनकी मर्जी का माहौल मिले।
  • बच्चा अगर आपके बताए नियम न माने या मनमर्जी करे तो बगैर देर किए किसी मनोचिकित्सक से जरूर सलाह लें।
  • पैरंट्स से ज्यादा दोस्त बनकर बच्चों के साथ रहें। उसकी हर अच्छी-बुरी बात पर चर्चा करें।
  • अगर बच्चा गुमसुम या परेशान लगे तो उससे प्यार से जरूर बात करें। गुमसुम रहने की वजह जानने की कोशिश करें।


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