विशाखापट्टनम माओवादियों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। कहा जा रहा है कि सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के शीर्ष नेता अक्कीराजू हरग...
विशाखापट्टनम माओवादियों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। कहा जा रहा है कि सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के शीर्ष नेता अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की मौत हो गई है। उसकी मौत छत्तीसगढ़ के जंगलों में हुई है। अक्कीराजू वह माओवादी है, जिसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। आरके और साकेत के नाम से मशहूर रामकृष्ण पिछले कुछ समय से बीमार था। यह स्पष्ट नहीं है कि इस टॉप माओवादी की मौत कब हुई है। हालांकि अभी तक माओवादियों ने मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उसके मरने की खबरें सही बताई जा रही हैं। 2004 की शांति वार्ता को किया था लीड आरके ने सितंबर 2004 में आंध्र प्रदेश सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए नल्लामाला जंगल से नक्सल टीम का नेतृत्व किया। 66 वर्षीय आरके गुंटूर जिले के तुमरूपेटा का रहने वाला था। वह आंध्र प्रदेश और ओडिशा में सुरक्षा बलों के टारगेट पर था। वह माओवादियों का आंध्र-ओडिशा सीमा (एओबी) क्षेत्रों में लाल सलाम के माओवादियों को निर्देशित करने वाला मुख्य शख्स था। कई जानलेवा हमलों का था मास्टरमाइंड वह दोनों राज्यों में प्रतिबंधित संगठन की ओर से किए गए कई जानलेवा हमलों और छापे का मास्टरमाइंड था। वह आंध्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के त्रिकोणीय सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों के लिए स्ट्रेटजी बनाने वाला टॉप लीडर था। उसने PWG और MCCI के विलय और अन्य क्षेत्रों में इसके आधार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्पेशल फोर्स के 37 जवानों की ली थी जान वह 2003 में अलीपिरी में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर हमले का आरोपी है। इसके अलावा 2008 के बालीमेला में हुए जानलेवा हमले में भी वह शामिल था, जिसमें 37 विशेष बल के जवान मारे गए थे, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी के ससुर दग्गुबाती चेंचू रमैया और मलकानगिरी कलेक्टर का अपहरण समेत तमाम बड़ी वारदातों को मंजाम दिया। एनआईए ने भी से कई मामलों में लिस्टेड किया था। 2010 में गिरफ्तार हुई थी पत्नी वह 24 अक्टूबर 2016 को रामगुड़ा मुठभेड़ में घायल हो गया था जिसमें 31 माओवादी और उनके हमदर्द मारे गए थे। वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित था और उसका मूवमेंट मलकानगिरी जिले में एक विशेष पॉकेट तक ही सीमित था। उसकी पत्नी कंदुला निर्मला को 2010 में दुदारी जंगल से छह अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपने पति से मिलने जा रही थी।
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