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Bihar Byelection Result : बिहार उपचुनाव में काउंटिंग से पहले तेजस्वी क्यों जता रहे धांधली का डर? इन ट्वीट्स से समझिए पूरा माजरा

पटना तारापुर और कुशेश्वरस्था में चुनाव हो चुके हैं। अब इन दो सीटों पर उपचुनाव के बाद 2 नवंबर को वोटों की गिनती होनी है। लेकिन नेता प्रतिप...

पटना तारापुर और कुशेश्वरस्था में चुनाव हो चुके हैं। अब इन दो सीटों पर उपचुनाव के बाद 2 नवंबर को वोटों की गिनती होनी है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वोटिंग के पहले से ही चुनाव में धांधली का डर जता रहे हैं। आखिर इसकी क्या वजह है... पढ़िए यहां तेजस्वी के ट्वीट से समझिए माजरा इस पूरी सियासत को समझने के लिए आपको तेजस्वी यादव और RJD के ट्वीट्स देखने होंगे। उदाहरण के तौर पर आरजेडी जमुई के हैंडल से 30 अक्टूबर की रात 8:33 बजे किए गए इस ट्वीट को देखिए। इसमें लिखा है कि 'जनता की ताकत के सामने नीतीश जी चाहे कितनी भी बेईमानी का जोर लगा लें, जीत नहीं पाएंगे! वोटिंग से लेकर काऊंटिंग तक, हम लोग हर चीज पर नजर बनाए हुए हैं! RJD की जीत निश्चित है- तेजस्वी यादव' तेजस्वी का ट्वीट नंबर 2 तेजस्वी ने वोटिंग से पहले कुछ वीडियो ट्वीट किए, इनमें से एक वीडियो ये है। हालांकि NBT की टीम इस वीडियो से जुड़े किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करती है। इस ट्टीट में तेजस्वी यादव ने लिखा है कि 'रात के वीडियो में नीतीश कुमार का दोहरा चेहरा, चरित्र और चाल देखिए। बेचारे थके हारे बौखलाए मुख्यमंत्री उपचुनाव में धनबल, बाहुबल, छलबल, प्रशासनिक बल के दम पर सीट बचाने का प्रपंच रच रहे है।वैसे ये गांधीवादी बनने का ढोंग करते रहते है। बिहार की न्यायप्रिय जनता इनको कड़ा सबक सिखाएगी।' तेजस्वी का ट्वीट नंबर 3 अब देखिए ये दूसरा ट्वीट, इसमें भी एक वीडियो लगाया गया है। इस वीडियो पर JDU ने पलटवार करते हुए यहां तक कहा कि RJD अपने समर्थकों से अनर्गल आरोप लगवा कर, रिकॉर्ड कर उन्हें वायरल कर रही है। हालांकि हालांकि NBT की टीम इस वीडियो से भी जुड़े किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करती है। इस ट्वीट में लिखा गया है कि 'रात्रि के अंधेरे में नीतीश कुमार का चेहरा देखिए।' क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट जानेमाने पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय थोड़ी अलग है। बिहार के मशहूर राजनीतिक विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कुमार कहते हैं कि ये एक तरह का परसेप्शन वार यानि अवधारणा की लड़ाई है। अपने विपक्षी चेहरे पर इतने आरोप लगाइए कि उसके खिलाफ एक अवधारणा बन जाए। ये तो चुनाव आयोग को तय करना है कि धांधली हुई या नहीं? लेकिन इस तरह के आरोप से तेजस्वी का एक दांव ये भी समझ में आता है कि चित भी मेरी और पट भी मेरी। यानि जीते तो बहुत बढ़िया और हारे तो मतलब- हमें तो धांधली से हराया।


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