पटना बिहार के हाई प्रोफाइल ठगी मामले की जांच शुरू हो गई है। कोतवाली पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान को दर्ज कराया। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर द...
पटना बिहार के हाई प्रोफाइल ठगी मामले की जांच शुरू हो गई है। कोतवाली पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान को दर्ज कराया। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई है। इसमें तेजस्वी और मदन मोहन झा समेत छह लोगों पर टिकट के बदले पांच करोड़ रुपए लेने के आरोप लगाए गए हैं। 5 करोड़ ठगी मामले में बयान दर्ज वकील संजीव सिंह ने आरोप लगाया है कि चुनाव के लिए टिकट देने के नाम पर 5 करोड़ रुपए की उनसे ठगी की गई। पटना के कोतवाली थाने में बुधवार को उनका बयान दर्ज किया गया। इसके बाद मीडिया को संजीव सिंह ने बताया कि पूरी बात पुलिस को बता दी है। सारे सबूत भी उन्हें उपलब्ध करा दिया है। कोर्ट के आदेश पर तेजस्वी यादव, मीसा भारती, दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित 6 लोगों पर ठगी का मामला दर्ज किया गया है। आरेप लगाने वाले पुलिस को क्या बताया आरोप लगाने वाले संजीव सिंह ने पुलिस को बताया कि जिस वक्त पांच करोड़ रुपए मैंने (संजीव) दिया था। उस वक्त कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सामने में बैठे हुए थे। मैंने तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा के हाथ में पूरे रुपए दिए थे। चार अलग-अलग बैग में 5 करोड़ रुपए लेकर हम गए थे। जो हमने इन लोगों को दिया। उस दौरान कार्यालय में तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा के अलावा कांग्रेस के दिवंगत नेता सदानंद सिंह, शुभानंद मुकेश, मीसा भारती और राजेश राठौड़ भी थे। चुनाव लड़ने का मेरा मन था। इसलिए टिकट लेने के लिए 2018 से ही 5 करोड़ रुपए जुटा रहा था। इसके लिए 105 दोस्तों और रिश्तेदारों ने गिफ्ट में रुपए दिए। इसके अलावा सोने की बनी पुश्तैनी ज्वेलरी को बेचा। फिर मैंने चुनाव लड़ने के लिए पैसों का इंतजाम किया। इन लोगों ने बेइमानी कर ली, पैसा रख लिया और टिकट भी नहीं दिया। संजीव सिंह के जवाब से पुलिस संतुष्ट नहीं मगर कहा जा रहा है संजीव सिंह के जवाब से कोतवाली पुलिस संतुष्ट नहीं है। उन्होंने 5 करोड़ रुपए कहां से जुटाए? इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए। पुलिस उनके बयान से संतुष्ट नहीं है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। जरूरत पड़ने पर फिर से संजीव सिंह को थाने बुलाया जा सकता है। दरअसल संजीव सिंह ने 18 अगस्त 2021 को अदालत में शिकायत फाइल किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के एवज में 15 जनवरी 2019 को 5 करोड़ रुपए उनसे लिए गए। मगर, उन्हें टिकट नहीं मिला। नाराजगी जाहिर करने पर विधानसभा चुनाव में दो टिकट देने का भरोसा दिलाया गया। लेकिन वो भी नहीं मिला। इसके बाद कोर्ट ने 16 सितंबर को केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
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