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बंगाल की खाड़ी का राजस्थान में साइड इफेक्ट, चंबल के चारों बांध लबालब, अक्टूबर में पहली बार सभी के गेट खोले

अर्जुन अरविंद, कोटा बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर का साइड इफेक्ट राजस्थान में भी हो रहा है। राजस्थान के हाड़ौती संभाग और मध्यप्रदेश में चंब...

अर्जुन अरविंद, कोटा बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर का साइड इफेक्ट राजस्थान में भी हो रहा है। राजस्थान के हाड़ौती संभाग और मध्यप्रदेश में चंबल के चारों बांधों के कैचमेंट में मूसलाधार बारिश हुई है। इस कारण चंबल नदी के बांध गांधीसागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर व कोटा बैराज डैम से पानी की निकासी की जा रही है। चंबल नदी के चारों बांध से पानी की निकासी ऐतिहासिक है। क्योंकि अब तक ऐसा मौका नहीं आया है कि अक्टूबर माह में नदी पर बंधे चारों बांधों के एक साथ गेट खोल कर पानी छोड़ा गया हो। कोटा जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एडी अंसारी के मुताबिक गांधीसागर बांध से बीती रात 25000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की निकासी लगातार जारी है। गांधीसागर बांध का लेवल 1312 फिट हो गया है। यह बांध मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है। इधर राजस्थान में चंबल नदी पर बने राणाप्रताप सागर बांध का जलस्तर 1157 फिट हो गया है। ऐसे में बांध से 25000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इसके बाद जवाहर सागर बांध से पन बिजली उत्पादित करके पानी छोड़ा जा रहा है। 12000 क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी यहां से की जा रही है। चंबल नदी के अंतिम बांध कोटा बैराज डैम के तीन गेट खोलकर 12000 क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी चल रही है। जल संसाधन विभाग ने चंबल नदी के किनारे बसे गांव में अलर्ट जारी किया है, ताकि नदी के बहाव क्षेत्र की और कोई ना जाए। कोटा जल संसाधन विभाग ने आशंका जताई है कि जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज डैम से भी 25000 क्यूसेक पानी की निकासी की जाएगी। क्योंकि चंबल नदी के गांधी सागर बांध में 25000 क्यूसेक पानी की लगातार आवक हो रही है। गांधी सागर बांध लबालब हो चुका है। इसकी भराव क्षमता 1312 फिट है और इस लेवल तक उसमें पानी आ चुका है।


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