कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी बुधवार देर रात लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के घरवालों से मिलने पहुंचे। उनके साथ छत्तीसगढ़ के मु...
लखीमपुर हिंसा को लेकर योगी सरकार पर हमलावर कांग्रेस के कई नेता किसानों के घरवालों से मिलने पहुंचे। किसान लवप्रीत के माता पिता से मुलाकात कर राहुल गांधी ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह चलता रहेगा। लवप्रीत, हम तुम्हारा बलिदान नहीं भूलेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी बुधवार देर रात लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के घरवालों से मिलने पहुंचे। उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी मौजूद रहे। नेताओं को देखने और सुनने के लिए हजारों गांव वाले मौके पर जुट गए। राहुल और प्रियंका सबसे पहले पलिया के किसान लवप्रीत सिंह के घर पहुंचे। यहां वे करीब आधे घंटे रहे।
राहुल गांधी ने जमीन पर बैठकर पूछा हालचाल
मारे गए किसान लवप्रीत सिंह के घरवालों को पास बैठाकर राहुल गांधी ने उनका कुशलक्षेम जाना। साथ ही कहा कि वे इस हिंसा के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएंगे। किसान के परिजनों ने राहुल से अपना दुख बांटा और पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गौरतलब है कि लखनऊ से लखीमपुर आने से पहले राहुल गांधी का एयरपोर्ट पर पुलिसवालों से झड़प हो गई थी। पुलिस राहुल से अपनी गाड़ी में चलने के लिए कह रही थी जिसे उन्होंने मानने से इन्कार कर दिया था।
बहनों को प्रियंका ने दिया आश्वासन
प्रियंका गांधी ने भी परिवार की महिलाओं और लवप्रीत की बहनों को अपने पास बैठाकर हालचाल लिया। प्रियंका ने बहनों से कहा कि वह उन्हें अभिभावक की कमी नहीं महसूस होने देंगी। प्रियंका ने बच्चियों से उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी बातचीत की। घर की महिलाओं की समस्याएं सुन प्रियंका ने उन्हें दूर कराने का आश्वासन भी दिया। बता दें कि प्रियंका गांधी करीब 60 घंटे तक सीतापुर गेस्ट हाउस में हिरासत में रही थीं। इसके बाद उन्हें बुधवार दोपहर को रिहा कर दिया गया था।
पत्रकार की पत्नी से कहा- 'परेशान मत होना'
इसके बाद राहुल और प्रियंका गांधी निघासन पहुंचे। उन्होंने यहां हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप की पत्नी से मुलाकात की। प्रियंका गांधी ने घरवालों से बातचीत कर उनका दुख बांटा और हर तरह की मदद करने का आश्वासन दिया। एक न्यूज चैनल में रिपोर्टर रमन कश्यप की हिंसा में चपेट में आकर मौत हो गई थी। यूपी सरकार की तरफ से उनको 45 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
हर हालात में साथ देने का किया वादा
राहुल और प्रियंका गांधी किसान के माता-पिता से आत्मीयता से मिले। उनका हालचाल पूछा और गले लगाकर हर दुख में साथ खड़े रहने की बात कही। दोनों भाई बहन ने परिजनों की सभी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन भी दिया। इससे पहले, सुबह राहुल दिल्ली से लखनऊ और फिर सीतापुर पहुंचे। सीतापुर के गेस्ट हाउस में उन्होंने प्रियंका से मुलाकात की और दोनों नेता साथ में लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए।
60 घंटे तक हिरासत में रहीं प्रियंका गांधी
गौरतलब है कि 1 अक्टूबर की शाम हिंसा के बाद यूपी सरकार ने लखीमपुर में धारा 144 लागू कर दी थी। इसके तहत किसी भी पार्टी के नेता को लखीमपुर में नहीं प्रवेश करने दिया गया था। प्रियंका गांधी को सीतापुर में रोक लिया गया था। उन्हें वहां गेस्ट हाउस में रखा गया। बुधवार सुबह राहुल गांधी के आने से पहले प्रियंका को रिहा किया गया। लखीमपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस लगातार यूपी सरकार पर हमलावर है।
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