जयपुर पंजाब के बाद राजस्थान में चल रहे सियासी बवाल पर लंबे समय से चुप्पी साधे बैठे सीएम गहलोत आखिरकार गांधी जयंती पर बोले। गांधी जयंती पर ...
जयपुरपंजाब के बाद राजस्थान में चल रहे सियासी बवाल पर लंबे समय से चुप्पी साधे बैठे सीएम गहलोत आखिरकार गांधी जयंती पर बोले। गांधी जयंती पर हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान जहां सीएम ने विरोधियों पर निशाना साधा। वहीं यह भी स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय में भी वही राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। दरअसल यहां सीएम गहलोत ने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की। कार्यक्रम के दौरान जहां गहलोत विपक्ष पर जमकर बरसे। वहीं यह भी कहा कि प्रदेश में उनकी सरकार पूरे 5 साल चलेगी और रिपीट भी होगी। यही नहीं गहलोत यह भी बोले कि शांति धारीवाल को फिर से नगरीय विकास मंत्री बनाऊंगा। गहलोत के इन बयानों से स्पष्ट है कि उनकी सीएम की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। अगली बार भी मुख्यमंत्री वही बनेंगे। 'मुझे 15-20 साल कुछ नहीं होगा, जिसे दुखी होना है, वो हो...'कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत यह भी बोले कि दिल्ली से खबरें चली कि पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी। ऐसे लोगों को रात के सपनों में भी मोदी दिखता है। मुझे 15-20 साल कुछ नहीं होगा, जिसे दुखी होना है, वो हो, सरकार 5 साल चलेगी और रिपीट भी होगी। जानकार इसे विपक्ष के साथ सचिन पायलट खेमे को भी आईना दिखाने से लेकर जोड़ देख रहे है। सीएम गहलोत ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में सीएम पद के वो अकेले दावेदार हैं। लिहाजा आगे भी वही सीएम बनेंगे। पायलट खेमे पर साधा निशाना कार्यक्रम के दौरान जहां सीएम गहलोत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे ही राजस्थान में आगे भी मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। वहीं उन्होंने पायलट खेमे की चुटकी भी ली। गहलोत ने अपने एक बयान में कहा कि अभी एंटी इन्केंबेंसी नहीं है, ऐसा लोग कहते हैं। हमारी पार्टी के लोग इधर-उधर की बातें करते हैं। इस बयान को पायलट खेमे पर किए कटाक्ष से जोड़कर देखा जा रहा है। सचिन पायलट इतने लाचार क्यों?राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल-विस्तार को लेकर बीते कुछ महीनों से लगातार चर्चा हो रही है। बार-बार कहा जा रहा है कि सरकार अपने तीन साल पूरे कर चुकी है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है। वहीं पंजाब एपिसोड के बाद राजस्थान में फेरबदल को ज्यादा हवा मिली है। सचिन पायलट खेमा लगातार मंत्रिमंडल विस्तार की सिफारिश करता आया है। वहीं पायलट सियासी संकट के दौरान बनाई गई सुलह कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल स्थिति जस की तस है। इसी बीच पायलट पिछले दिनों में कई बार दिल्ली आलाकमान के पास जा चुके हैं, मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन मंत्रिमण्डल विस्तार के संबंध में फिलहाल अभी तक उन्होंने भी कोई बयान नहीं दिया है। इशारों- इशारों में पायलट दिखा रहे हैं ताकत जानकारों की मानें तो एक और जहां सीएम गहलोत हमेशा से खुद को प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में प्रजेंट करते आए हैं। वहीं सचिन पायलट भी राजस्थान में उनकी स्थिति को लेकर आलाकमान को संदेश देने में पीछे नहीं रहे हैं। इसकी एक बानगी यह भी है कि बीते दिनों पायलट पंचायती राज चुनाव के दौरान सीएम गहलोत के गृहनगर पहुंचे । यहां सचिन पायलट के स्वागत और लोगों की भीड़ के जरिए भी यही बताने की कोशिश की गई कि सचिन पायलट भी राजस्थान में बड़े और लोकप्रिय नेता है। राजनीति के जानकार इसे पायलट के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं।
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