सिंगरौली एमपी (MP Latest News Update) लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की टीम लगातार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों के ऊपर कार्रवाई कर रही है। मगर स...

सिंगरौली एमपी (MP Latest News Update) लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की टीम लगातार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों के ऊपर कार्रवाई कर रही है। मगर सिस्टम में सुधार नहीं है। छोटे-छोटे काम के लिए लोगों को चढ़ावे चढ़ाने पड़ते हैं। स्थानीय अधिकारी लोगों की शिकायत नहीं सुनते। सरकारी दफ्तर में बाबू लोगों को टरकाते रहते हैं। पैसे देते हैं तो काम होते हैं। इसी तरह की शिकायतें सीएम शिवराज सिंह चौहान के जनदर्शन यात्रा में खूब मिल रही है। मंच से अपने अंदाज में वह अधिकारियों पर कार्रवाई भी करते हैं। मगर आकंठ भ्रष्टचार में डूबे 'बेशर्म' अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जनदर्शन यात्रा के दौरान एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है। कुछ दिन पहले मंच से पन्ना में कलेक्टर को हड़काया था। भोपाल में बड़े अधिकारियों की मीटिंग में शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अधिकारी पैसा ले रहे हैं। मेरे पास कई शिकायतें आई हैं। कई लोगों पर कार्रवाई हुई है। मैं उन्हें छोड़ूंगा नहीं। सीएम के इस तेवर का असर भी अधिकारियों पर नहीं है। अगर होता तो सिंगरौली में इस तरह की शिकायतों की झड़ी उनके पास नहीं होती। पैसों की मांग की जाती शिवराज सिंह चौहान अपनी नई छवि गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। सिंगरौली में फिर से उनका यह अंदाज देखने को मिला है। लोगों से शिकायत मिली थी जिला पंचायत में काम के लिए रुपये की मांग की जाती है। सीएम ने पब्लिक के सामने ही मंच पर जिला पंचायत सीईओ को हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही बड़े अधिकारियों को कहा है कि इसकी जांच कीजिए। बाबू ने लिए पांच हजार रुपये सीएम के पास सिंगरौली में ऐसी शिकायतों की भरमार थी। वह मंच से सियासी बातें कर रहे थे। लोगों की शिकायत को निपटा रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी मेरे पास एक-दो आवेदन और आए हैं। अभी मैं देख रहा था कि एक आवेदन आया है। कन्या विवाह हो गया और उसके लिए फॉर्म भरा गया और पंचायत के ब्लॉक के बाबू ने इसके लिए ₹5000 ले लिए। जांच कराओ भाई, अगर किसी गरीब ने दिया है, तो ऐसे ही नहीं दिया है। मामा ऐसे नहीं मानेगा शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब मामा ऐसे नहीं मानेगा, जांच कराकर सस्पेंड करो, इसको पैसा मिल जाना चाहिए और यह आवेदन नहीं आना चाहिए। आप इसकी जांच कराकर देखिए, हर एक चीज देखिए, यह क्यों इस तरह का आवेदन मेरे पास क्यों आ रहा है। उन्होंने कहा कि भैया मैं यह कभी नहीं कहूंगा कि सब कुछ अच्छा चल रहा है, जो अफसर अच्छा काम उन्हें मैं शाबाशी दूंगा। उनको पुरस्कृत करूंगा लेकिन गड़बड़ करने वालों को अब मामा अब नहीं छोड़ने वाला, साफ सुन लें। एमपी में भ्रष्टाचार की हालत यह है कि 30-50 हजार की सैलरी पाने वाले बाबू और उनसे ऊपर के अधिकारी करोड़पति है। हाल ही में ऐसे कई कार्रवाई हुए हैं, जिनमें बाबुओं के पास अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है। दूर के जिलों की बात छोड़ दीजिए, राजधानी भोपाल में तमाम हुक्मरान और अफसर बैठते हैं। इसके बावजूद यहां की सड़कें छह महीने में उखड़ जाती हैं। मगर सभी के गठजोड़ से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
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