लखीमपुर/लखनऊ यूपी के चर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे (मोनू) को आखिरकार शनिवार देर रात पु...
लखीमपुर/लखनऊ यूपी के चर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे (मोनू) को आखिरकार शनिवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस कस्टडी की रिमांड से संबंधित आवेदन पर अब सोमवार को सुनवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक आशीष ने जांच टीम के सामने अपने पक्ष में जो भी बयान दिए, उसे साबित करने के लिए वह साक्ष्य नहीं पेश कर सके। आशीष ने हरिओम को थार का ड्राइवर बताया, जबकि थार के ड्राइवर ने सफेद शर्ट और हरिओम ने पीली शर्ट पहनी थी। सफेद शर्ट वाला चला रहा था थार जानकारी के मुताबिक, आशीष ने घटना वाले दिन सफेद शर्ट पहन रखी थी। इस कारण माना जा रहा है कि थार आशीष खुद चला रहे थे। आशीष ने दंगल में मौजूद होने के संबंध में जो भी साक्ष्य और वीडियो पेश किए, उनसे भी जांच समिति संतुष्ट नहीं दिखी। पूछताछ से संतुष्ट नहीं हुई जांच टीम लखीमपुर स्थित पुलिस लाइंस में जांच समिति ने आशीष से नौ घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ करती रही। आशीष ने कई वीडियो क्लिप और शपथ पत्र देकर दावा किया कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम उनके दावों से संतुष्ट नहीं हुई और बाद में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। 12 पेन ड्राइव में दिए कई वीडियो इससे पहले आशीष शनिवार सुबह पुलिस लाइंस स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंच गए। आशीष ने जांच समिति को 12 पेन ड्राइव में कई वीडियो, फोटो और करीब एक दर्जन शपथ पत्र दिए। शपथ पत्र में लोगों ने कहा है कि घटना वाले दिन सुबह से शाम तक आशीष बनबीरपुर गांव में दंगल कार्यक्रम में थे। वह महेंद्रा थार में नहीं थे।
315 बोर पिस्तौल के गायब कारतूसों की जांच बताया जा रहा है कि तीन अक्टूबर को हुई घटना के बाद आशीष अपनी राइस मिल पर गए थे। पुलिस थार से मिले 315 बोर के मिस्ड कारतूसों की भी जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक टीम को शक है कि ये कारतूस आशीष के 315 बोर के लाइसेंसी असलहे के हैं। जांच टीम ने शासन से फरेंसिक टीम की मांग की है। समिति सभी वrडियो की गहनता से जांच और विश्लेषण कर रही है। दोस्त की तलाश में हुई छापेमारी पुलिस की दो टीमों ने आशीष के दोस्त अंकित दास की तलाश में लखनऊ के दो और लखीमपुर में एक जगह छापेमारी की। हिंसा के दौरान जलाई गई फॉर्च्युनर गाड़ी अंकित की बताई जा रही है। पुलिस अंकित के ड्राइवर कल्लन को हिरासत में लेकर घटना के संबंध में पूछताछ कर रही है। वहीं, तीसरी गाड़ी स्कॉर्पियो लखीमपुर के ठेकेदार अबरार की है। अबरार घटना के समय पीजीआई में भर्ती थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पूछताछ कर फरेंसिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
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