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जंगल के वीराने में खड़ी कार, अंदर जली लाश...कातिलों तक आखिर कैसे पहुंची कर्नाटक पुलिस?

शिवोमा कर्नाटक पुलिस ने 29 सितंबर को तीर्थहल्ली के एक जंगली इलाके में एक जली हुई कार बरामद की थी। इस जली हुई कार में एक शव मिला था, जो बु...

शिवोमा कर्नाटक पुलिस ने 29 सितंबर को तीर्थहल्ली के एक जंगली इलाके में एक जली हुई कार बरामद की थी। इस जली हुई कार में एक शव मिला था, जो बुरी तरह जला हुआ था। पुलिस को इस मामले में लाश का पता लगाना मुश्किल था। यह हत्या थी या हादसा यह भी साफ नहीं था। कार का नंबर प्लेट भी फर्जी था। पुलिस ने इस केस पर काम करना शुरू किया। पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थे। यह केस पुलिस को थ्रिलर फिल्म 'दृश्यम' से प्रेरित लग रहा था। हालांकि तीन दिन तक लगातार केस पर काम करते हुए पुलिस ने लाश का पता लगा लिया। पूछताछ के बाद हुए गिरफ्तार पुलिस पीड़ित, 45 वर्षीय व्यवसायी विनोद के दरवाजे पर थी। घर में विनोद की अपनी पत्नी, बेटे और भाई। पुलिस ने रिश्तेदारों से भी पूछताछ की और फिर विनोद की पत्नी, बेटा, भाई समेत एक अन्य रिश्तेदार को गिरफ्तार किया। इसलिए पुलिस को हुआ शक दरअसल गाड़ी का चेसिस नंबर पुलिस को सागर तालुक के आचापुरा गांव के हर्बल उत्पादों के निर्माता विनोद के घर तक ले गया था। जब पुलिस ने 42 वर्षीय उनकी पत्नी विनुथा से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि विनोद कोस्टल इलाके में अपने बिजनेस ट्रिप पर गए थे, लेकिन वापस नहीं आए। उनके 20 साल के बेटे विवेक और विष्णु ने कुछ और ही कहा। पुलिस को शक हुआ कि विनोद कुछ दिनों से लापता थे, लेकिन घरवालों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी। विवाहेतर संबंधों के कारण की हत्या पुलिस ने आगे की पूछताछ में बताया कि साजिश का खुलासा हुआ। विनुथा, उसके बेटे, विनोद के भाई संजय और एक रिश्तेदार ने विनोद की हत्या की साजिश रची थी। विनोद की हत्या इसलिए की गई थी क्योंकि उसके विवाहेतर संबंध थे। शिवमोग्गा के एसपी बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि विनोद के घरवालों को डर था कि वह महिला विनोद की संपत्ति पर दावा कर सकती है। इस तरह हुई हत्या की प्लानिंग 26 सितंबर को, उन्होंने एक स्थानीय पेट्रोल पंप से एक बैरल पेट्रोल खरीदा। उन्होंने विनोद के सिर पर लोहे की रॉड से वार करके घर पर ही हत्या की। उन्होंने अपराध स्थल को कैमिकलों से साफ किया और खून से सने कपड़े और चप्पलें जला दीं। दो दिन बाद, उन्होंने विनोद के शरीर को कार में बांध दिया और रात 10.30 बजे के आसपास तीर्थहल्ली के हुनसेकोप्पा ले गए। नकली नंबर प्लेट और बंद किए मोबाइल भी आरोपियों ने एक स्थानीय डीलर से नकली नंबर प्लेट खरीदी और कार में लगा दी। उसके बाद पेट्रोल डालकर कार को आग लगा दी। अपनी पूरी यात्रा और अपने घर लौटने के दौरान, परिवार के सभी सदस्यों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए ताकि उनकी लोकेशन ट्रैक न हो सके। उन्होंने विनोद का सेलफोन भी एक झील में फेंक दिया। पुलिस ने कहा, आरोपी घर लौट आए और सो गए।


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