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'प्रियंका गांधी को CM कैंडिडेट बनाने में फायदा नहीं', यूपी में सपा से चेहरा क्यों चाहते हैं कांग्रेस नेता इमरान मसूद

नई दिल्ली यूपी को लेकर कांग्रेस के तमाम नेताओं के दावे चाहे जो भी हों, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और यूपी से ताल्लुक रखने वाले इमरान ...

नई दिल्ली यूपी को लेकर कांग्रेस के तमाम नेताओं के दावे चाहे जो भी हों, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और यूपी से ताल्लुक रखने वाले इमरान मसूद की राय जुदा है। वह कहते हैं- यूपी में बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी ताकत है, उसको नजरअंदाज कर बीजेपी के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं जीती जा सकती। वह प्रियंका गांधी को भी यूपी में कांग्रेस का सीएम उम्मीदवार बनाए जाने से कोई फायदा नहीं देखते। इमरान मसूद कहते हैं कि पहले कांग्रेस को 'सर्वाइव' तो करने दीजिए। एनबीटी के नैशनल पॉलिटिकल एडिटर नदीम ने यूपी और कांग्रेस को लेकर इमरान मसूद से विस्तार से बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश:
  1. आप खुद यूपी से हैं, राज्य की सियासी नब्ज पर पकड़ रखते हैं, वहां का क्या राजनीतिक परिदृश्य देख रहे हैं?यूपी में बीजेपी की जो सरकार है, उसने पांच साल के दरम्यान एक भी ऐसा काम नहीं किया, जिसके जरिए वह जनता का वोट लेने का हक जता सके। इतने बड़े बहुमत वाली सरकार के खिलाफ इतनी ज्यादा नाराजगी पहले कभी नहीं देखी गई, लेकिन उसके हक में जो एक बात जा रही है, वह यह है कि विपक्ष खेमों में बंटा हुआ है। वोटों का विभाजन बीजेपी की ताकत बना हुआ है और अगर वोटों का विभाजन नहीं रुका तो बीजेपी को वापस आने से नहीं रोक सकते।
  2. यूपी में कांग्रेस की आखिरी सरकार 89 तक थी, उसके बाद करीब तीन दशक बीत गए, राज्य में उसकी वापसी नहीं हो सकी, इसकी क्या वजह है?वक्त के साथ अगर आप नहीं चलेंगे तो यही हश्र होगा। जिस वक्त की आप बात कर रहे हैं, उस दौरान यूपी की पॉलिटिक्स का चेहरा, उसका मिजाज सब कुछ बदल गया। कास्ट पॉलिटिक्स हावी हो गई। कांग्रेस वह नहीं कर सकी। हम सबको अपना बनाने के चक्कर में किसी के भी नहीं हो सके।
  3. 2017 के चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुआ था, इसे मील का पत्थर माना जा रहा था, लेकिन गठबंधन फेल हो गया, क्यों?यह गठबंधन कोई जादू की छड़ी नहीं था। कामयाबी के लिए वक्त चाहिए था। दोनों पार्टियों के जो वोटर हैं, उनका यकीन पुख्ता होना जरूरी था कि हम एक हैं और एक रहेंगे। कार्यकर्ताओं के बीच भरोसा मजबूत होना चाहिए था। यह तभी होता, जब गठबंधन लंबा चलता, लेकिन गठबंधन चुनाव से ठीक पहले हुआ और नतीजा निकलते ही खत्म हो गया। कम से कम मुझे फौरी तौर पर कोई उलटफेर की उम्मीद उस वक्त भी नहीं थी।
  4. इस बार तो समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से मना कर दिया है, बीएसपी ने भी अपने दरवाजे बंद कर रखे हैं, यूपी में कांग्रेस के लिए क्या रास्ता बचता है?समाजवादी पार्टी यूपी में बीजेपी के खिलाफ सबसे बड़ी पार्टी है। बड़ी पार्टी होने के नाते उसकी जिम्मेदारी भी बड़ी है। उसे समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को गोलबंद करना चाहिए। मैं कह सकता हूं कि यह काम इतना आसान नहीं है, लेकिन बड़ी पार्टी होने के नाते उसे कोशिश भी बड़ी ही करनी होगी। कठिनाई तो आएगी ही।
  5. क्या कांग्रेस प्रियंका गांधी को सीएम उम्मीदवार घोषित कर यूपी के चुनाव मैदान में उतर सकती है? अगर ऐसा होता है तो क्या वहां बाजी पलटेगी?मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ होने जा रहा है या इससे कोई बड़ा फायदा होने वाला है। प्रियंका गांधी कांग्रेस का राष्ट्रीय चेहरा हैं, उन्हें यूपी का चेहरा बनाना उन्हें सीमित करना हो गया। अभी बात तो कांग्रेस के सर्वाइवल की है। पहले कांग्रेस को सर्वाइव तो करने दीजिए फिर मुख्यमंत्री का चेहरा तय होता रहेगा।
  6. अगर कांग्रेस और एसपी का गठबंधन हो जाता है तो मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? क्या कांग्रेस अखिलेश यादव को सीएम का उम्मीदवार स्वीकार कर लेगी?इस मुद्दे पर पार्टी की सामूहिक तौर पर या अन्य नेताओं की क्या राय है, मुझे नहीं पता, लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि राजनीति नंबरों का खेल है। आज की तारीख में यूपी में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ही है तो स्वाभाविक रूप से सीएम का चेहरा भी उसी का होगा। कांग्रेस ही नहीं, विपक्ष की अन्य पार्टियों को भी उस चेहरे को स्वीकार करना होगा।
  7. तो क्या आप ऐसे किसी गठबंधन के लिए कोई पहल करेंगे?मैं तो सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं कि अगर यूपी में बीजेपी को हराना है तो एक मजबूत विकल्प तैयार करना ही होगा।
  8. सुनने को तो यह मिला है कि आप अखिलेश यादव के संपर्क में हैं, देर-सबेर समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं?संपर्क में होने की जो बात आप कह रहे हैं तो वह संपर्क इतना है कि मेरी उनकी मुलाकात अभी पिछले दिनों पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के यहां विवाह समारोह में हुई थी, जिसमें उनके साथ कोई पॉलिटिकल बातचीत हुई ही नहीं।
  9. यूपी में मुस्लिम वोटरों की पहली पसंद कौन होगा- एसपी, बीएसपी या कांग्रेस?मुस्लिम वोटर्स की ही बात क्यों कर रहे हैं, मैं तो सभी जाति और धर्म के वोटरों की बात कर रहा हूं। बीजेपी के खिलाफ जो भी मजबूत विकल्प बनता दिखेगा वोटर्स की पहली पसंद वही होगा। उसे हिंदू और मुसलमान अलग-अलग करके नहीं देखिए।


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