पटना लालू यादव को सोनिया गांधी के टेलीफोन का सच क्या है? क्या चुनाव जीतने के लिए आरजेडी सुप्रीमो ने ये दांव चला है? ये सवाल तब उठे जब लाल...

पटना लालू यादव को सोनिया गांधी के टेलीफोन का सच क्या है? क्या चुनाव जीतने के लिए आरजेडी सुप्रीमो ने ये दांव चला है? ये सवाल तब उठे जब लालू के उस बयान का कांग्रेस ने खंडन कर दिया कि उनकी सोनिया गांधी से कोई बात नहीं हुई है। अब सवाल यही है कि सच क्या है? क्या सच में हुई लालू-सोनिया की फोन पर बात? बुधवार को आरजेडी सुप्रीमो पटना से चुनाव प्रचार के लिए निकल रहे थे। इसी दौरान हेलीकॉप्टर पर उड़ान भरने से पहले लालू यादव ने मीडिया से बात की। लालू ने इस दौरान पूछे जाने पर बताया कि उनकी सोनिया गांधी से बात हुई है और बीजेपी के खिलाफ सभी दलों को एकजुट करने पर राय बनी है। पहले इस वीडियो में सुनिए कि लालू ने कहा क्या कुछ घंटों बाद ही भक्त चरण दास ने खारिज कर दिया लालू का दावालेकिन लालू के बयान के कुछ घंटों के भीतर ही कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच बातचीत का खंडन कर दिया। भक्त चरण दास ने कहा कि लालू यादव ऐसा कर के मतदाताओं में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। समझिए लालू की बात का मतलब लालू ने अपनी बातचीत के दौरान ये कहीं नहीं कहा कि उनकी बिहार में कांग्रेस के आरजेडी से विरोध पर कोई बात हुई है। लालू की बात का मतलब समझें तो उन्होंने बातचीत के मसले को जेनरिक यानि सामान्य तरीके का बताया। तो क्या लालू ने झूठ बोला? क्या है सोनिया को फोन कॉल का सच? ऐसे समझिए कि सवाल पूछा गया कि क्या कल आपकी सोनिया गांधी से बात हुई तो लालू ने कहा कि हां। ये भी बताया कि क्या बात हुई। उसके बाद कांग्रेस ने इस दावे को खारिज कर दिया। एक बात तो साफ समझने लायक है कि कांग्रेस के नेता बगैर आलाकमान से पूछे विवादित मुद्दों पर कोई राय नहीं देते हैं। खासतौर पर गठबंधन और वो भी बिहार में लालू से जुड़े मुद्दों पर जब तक आलाकमान से हरी झंडी नहीं मिलती, बिहार में कांग्रेस के नेता कुछ नहीं बोलते। दिल्ली से पटना पहुंचते ही जब भक्त चरण दास ने RJD और कांग्रेस के रिश्तों की तल्खी बेहद तीखे अंदाज में जाहिर की थी तभी ये साफ हो गया था कि निर्देश दिल्ली दरबार से मिल चुके हैं। उपचुनाव में लालू नहीं चाहते कोई नुकसान मशहूर राजनीतिक एक्सपर्ट डॉक्टर संजय कुमार के मुताबिक लालू परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में हो सकता है कि उन्होंने एक दांव खेला हो। इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता। लेकिन सच क्या है ये सिर्फ सोनिया गांधी ही बेहतर बता सकती हैं। लेकिन बिहार में कांग्रेस नेताओं का दावा खारिज करना ये बताता है कि इस उपचुनाव में वो लालू को कोई माइलेज लेने से रोकने की भरपूर कोशिश करेंगे और शायद दिल्ली दरबार यानि सोनिया-राहुल की तरफ से इशारा भी यही है।
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