Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

Savarkar Controversy : डरपोका, माफीवीर, अंग्रेजों का चमचा.. लालू की पार्टी ने वीर सावरकर को भला बुरा क्यों कहा ?

पटना ज्यादा दिन हुए जब तेजप्रताप यादव ने लालू को दिल्ली में बंधक बनाने का आरोप लगाया था। तब तेजस्वी ने पटना पहुंचते ही इसका जवाब दिया था।...

पटना ज्यादा दिन हुए जब तेजप्रताप यादव ने लालू को दिल्ली में बंधक बनाने का आरोप लगाया था। तब तेजस्वी ने पटना पहुंचते ही इसका जवाब दिया था। आप सोच रहे होंगे कि खबर सावरकर की है तो इससे तेजस्वी के बयान का क्या लेना-देना? लेना-देना है... समझिए कैसे, तेजस्वी ने अपने बयान में एक बात कही थी कि जिस लालू ने आडवाणी जैसी शख्सियत को बिहार में गिरफ्तार करवा लिया उसकी शख्सियत से बंधक बनाए जाने की बात मेल नहीं खाती। लालू की पार्टी ने वीर सावरकर को भला बुरा क्यों कहा ? तेजस्वी के इस बयान के बाद अब देखिए आरजेडी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किया गया ये ट्वीट। इसमें लिखा गया है कि 'संघियों का देवता अंग्रेजों का दलाल माफीवीर सावरकर आजादी के बाद लगभग 19 साल जीवित रहा। उनकी मृत्यु 1966 को हुई। कोई बता सकता है कि अगर वह डरपोका सचमुच वीर था तो आजादी के बाद बची जिंदगी में उसने एक भी वीरता का कोई काम किया है? बताओ संघियों? तुम लुटेरों अंग्रेजों के दलाल थे।' आरजेडी की नींव ही संघ विरोध पर असला मसला यही है, आरजेडी की नींव ही संघ विरोध पर है। 23 अक्टूबर 1990 को लालू ने जब आडवाणी को रथयात्रा के दौरान बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार करवाया था तभी ये तय हो गया था कि तत्कालीन जनता दल कोटे से बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सियासत का आधार क्या होगा। लालू ने जब 1997 में नई पार्टी बनाई तो एक तरह से उसके संविधान में अघोषित तरीके से साफ कर दिया गया था कि पार्टी संघ और BJP के विरोध की विचारधारा पर ही चलेगी। सावरकर विरोध के पीछे MY समीकरणराम मंदिर आंदोलन के दौरान ही लालू ने ये तय कर लिया था कि उन्हें अगर MY यानि मुस्लिम-यादव समीकरण के दम पर बिहार में राज करना है तो बीजेपी और संघ का विरोध किए बगैर काम नहीं चलने वाला। जाहिर है कि अगर लालू की पार्टी सावरकर का विरोध नहीं करेगी तो पार्टी की नींव जिस विचारधारा पर रखी गई है वही हिल जाएगी यानि चाहे कुछ भी हो, मसला जैसा भी हो, मुद्दा किसी भी आधार पर हो लेकिन उसमें संघ और बीजेपी का विरोध करना ही करना है। जाहिर है कि RJD ने वीर सावरकर को भी हिंदुत्व का चेहरा बनाकर पेश करने की कोशिश की है। क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट? पटना से मशहूर पॉलिटिकल एक्सपर्ट और शिक्षाविद् डॉक्टर संजय कुमार कहते हैं कि अगर लालू की पार्टी संघ, सावरकर और बीजेपी का विरोध करना बंद कर देगी तो फिर उसका वजूद ही कहां रहेगा। बात सावरकर के विरोध की नहीं बल्कि जिस विचारधारा पर आरजेडी बनाई गई उसका है। अगर सावरकर-संघ और बीजेपी का विरोध न किया फिर RJD किस बात की आरजेडी।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3p253mz
https://ift.tt/3vbOrdt

No comments