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11 साल बाद बिहार में नक्सली ऐक्टिव, गया में 4 मर्डर और औरंगाबाद में किसान भवन और मोबाइल टावर उड़ाया

पटना नीतीश कुमार की सरकार बिहार में पिछले कुछ समय से बढ़ी आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में कामयाब भले ही नहीं हुई है उससे पहले ही राज्य ...

पटना नीतीश कुमार की सरकार बिहार में पिछले कुछ समय से बढ़ी आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में कामयाब भले ही नहीं हुई है उससे पहले ही राज्य में नक्सली वारदातों का दौर शुरू हो चला है। पिछले एक महीने में बिहार में नक्सली वारदातों को अंजाम देखकर अपनी धमक एक बार फिर से दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। औरंगाबाद में मोबाइल टावर और किसान भवन उड़ायाऔरंगाबाद जिले के देव प्रखड में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले नक्सलियों ने अपनी दस्तक दे दी है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के हथियारबंद दस्तों ने मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही गांव में विस्फोट कर मोबाइल टावर को उड़ा दिया है। इस दौरान नक्सलियों ने किसान भवन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने घटना की पुष्टि करते हुए जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर को उड़ाने और किसान भवन को क्षतिग्रस्त करने के बाद नक्सलियों ने भारत बंद के समर्थन में नारेबाजी भी की। एसपी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते घटनास्थल के लिए कोबरा, सीआरपीएफ के टीम रवाना हो गई है और सर्च अभियान चलाया जा रहा है। 50 से 60 की संख्या में आए थे नक्सली बताया जाता है कि 50 से 60 की संख्या में आए नक्सलियों ने जुड़ाही गांव को चारों तरफ से घेर लिया और ग्रामीणों को घरों में रहने की चेतावनी देते हुए ब्लास्ट कर टावर को उड़ा दिया। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने भाकपा माओवादी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए नहर के रास्ते निकल भागे। नक्सलियों ने 4 लोगों की हत्या की इसी महीने की13 तारीख को गया जिले में नक्सलियों के हथियार बंद दस्ता ने चार लोगों की हत्या कर दी। डुमरिया थाना क्षेत्र के मोंनबार गांव में पुलिस की मुखबीरी करने के आरोप में नक्सलियों ने इन चारो लोगों की हत्या की है। नक्सलियों ने दो महिला समेत एक ही परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया है। वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने एक पर्चा छोड़ा है। इसमें लिखा है कि सात माह पूर्व मोंनबार गांव में चार बड़े नक्सली नेताओं को सरयू सिंह भोक्ता की महिलाओं ने जहर देकर हत्या की गई थी। यहां चार नक्सली छुपने की सूचना भी दी गई थी। उस वक्त नक्सली नेता अमरेश, सीता, शिवपूजन एवं उदय की हत्या की गई थी। इन नक्सली नेताओं की हत्या का बदला लिया गया है। 11 साल बाद बिहार में ऐक्टिव हुए नक्सली पिछले 11 साल से बिहार में नक्सलियों ने किसी वारदात को अंजाम नहीं दिया है। फरवरी 2010 में जमुई के फुलवरिया गांव में गोलियां बरसाकर नक्सलियों ने दो महिला, एक बच्चे समेत 12 लोगों की हत्या कर दी थी। गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि नक्सलियों ने इस वारदात को पुलिस मुखबिरी के शक में अंजाम दिया है। जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी। इसी साल फरवरी में इसी घर के अंदर पुलिस एनकाउंटर में माओवादियों के चार जोनल कमांडर ढेर हो गए थे। पुलिस ने बताया कि शनिवार की घटना को प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन से जुड़े विवेक, इंदल आदि के नेतृत्व में अंजाम दिया गया है। सभी सरयू सिंह भोक्ता को तलाश रहे थे। मामले को लेकर 17 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। अभियुक्तों की खोजबीन की जा रही है। मृतक सत्येन्द्र और महेंद्र भोक्ता दोनों के पांच बच्चे हैं। नक्सलियों ने पीड़ितों के जीवित परिजनों और बच्चों को गांव छोड़ कर कहीं और चले जाने की धमकी दी है और यहां तक कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया तो इसका अंजाम भुगतने को तैयार रहे। नक्सलियों ने इन दोनों परिवारों को धमकी दी है कि वे जंगल में दो बीघा जमीन पर पक चुके धान की कटाई भी ना करें। नक्सली वारदात पर विपक्षी नेता लगातार सवार पूछ रहे हैं, वहीं सरकार की ओर से कोई भी बयान नहीं आया है। बिहार में अचानक से नक्सली वारदात के शुरू होने से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसके मायने क्या हैं। क्या नक्सली राज्य में एक बार फिर से अपनी धमक दिखाने की कोशिश में हैं। बिहार में 10 जिले नक्सलग्रस्त इसी साल जुलाई में जारी गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में छह जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र से मुक्त को चुके हैं। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 10 जिले नक्सल प्रभावित हैं, जबकि छह जिलों से लाल सलाम का खात्मा हो चुका है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अब औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, रोहतास और पश्चिमी चंपारण नक्सलवाद से प्रभावित बताया गया है। इन 10 जिलों में राज्य के तीन जिले गया, जमुई और लखीसराय अत्यधिक प्रभावित बताये गये हैं, जबकि औरंगाबाद को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न यानी इस जिले पर गंभीर होने की बात कही गयी है। 23 से 25 नवंबर तक नक्सली बंद का ऐलान छह नक्सली नेताओं की गिरफ्तारी और गढ़ चिरौली में मारे गए अपने साथियों के विरोध में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने तीन दिनों के बंद की घोषणा की है। 23 से 25 नवंबर तक बिहार, झारखंड, छतीसगढ़ व यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों में किए गए बंद के ऐलान के चलते सुरक्षा को लेकर रेलवे हाई अलर्ट कर दिया है।


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