जबलपुर दिवाली की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। जबलपुर में स्थित 1100 साल पुराने महालक्ष्मी मंदिर (Jabalpur Mahalakshmi Mandir) मे...

जबलपुर दिवाली की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। जबलपुर में स्थित 1100 साल पुराने महालक्ष्मी मंदिर (Jabalpur Mahalakshmi Mandir) में आज के दिन 24 घंटे की विशेष पूजा-अर्चना होती है। यह मंदिर पचमठा मंदिर (Pachmatha Mandir) के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां मां का ऐसा अद्भुत रूप है जो 24 घंटे में तीन बार अपना रूप बदलती हैं। सुबह सफेद, दोपहर में पीली तो शाम को नीली हो जाती हैं। माना जाता है कि इस मंदिर में तांत्रिक साधना करने लोग पहुंचते हैं। जानिए इस मंदिर की खूबियांजबलपुर शहर के अधारताल तालाब के पास स्थित यह मंदिर पचमठा मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। मां की महिमा के बारे में लोगों में ऐसी श्रद्धा है कि यहां कंगाल भी मां की कृपा से धनवान बन जाते हैं। पांच गुम्बद की रचना के आधार पर इस मंदिर को पचमठा मंदिर कहा जाता है। दिवाली पर होती खास पूजा और आयोजनयह वर्गाकार मंदिर अधिष्ठान पर निर्मित है इसके चारों दिशाओं में अर्धमंडप है। इस मंदिर के गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा पथ बना है। वहीं दीवारों पर बने आलों में योगनियां बनी हैं। मंदिर का द्वार बेहद खास रूप में अलंकृत है। सबसे नीचे योगी और उसके दोनों ओर सिंह की आकृतियां हैं। श्रीयंत्र के आधार पर हुआ है मंदिर का निर्माणऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण श्रीयंत्र के आधार पर हुआ है। इसके चार दरवाजे हैं, जो चारों दिशाओं में बने हैं। दिवाली पर यहां खास आयोजन होता है। साथ ही देवी मां की विशेष पूजा भी की जाती है। इस मंदिर की विशेषता के बारे में यहां के पुजारी ने खास बातचीत में विस्तार से बताया।
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