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Bihar Weather : बिहारवालों... तापमान में गिरावट के बाद बच्चे-बजुर्गों का रखें खास ख्याल, यहां पढ़िए डॉक्टरों की खास सलाह

पटना तापमान में गिरावट के कारण शहर के लोगों में ब्रेन स्ट्रोक, दिल का दौरा, हाई बीपी, त्वचा रोग, सर्दी, खांसी और यहां तक कि रक्त शर्करा क...

पटना तापमान में गिरावट के कारण शहर के लोगों में ब्रेन स्ट्रोक, दिल का दौरा, हाई बीपी, त्वचा रोग, सर्दी, खांसी और यहां तक कि रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव के मामलों में वृद्धि हुई है। शहर के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में सर्दी की बीमारियों के रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। वहीं गंभीर मरीजों को इन अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। बच्चों को ऊनी कपड़ों में रखें- डॉ बिनोद सिंह नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) के अधीक्षक और मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों में निमोनिया, सर्दी और बुखार में इस सप्ताह लगभग 20% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि खुजली और एक्जिमा जैसे चर्म रोग के मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। उनकी सलाह है कि बच्चों को ऊनी कपड़े पहनाकर रखें, खासतौर पर पैर और सिर को ढककर रखें। इसके अलावा बच्चों को दही, अमरूद जैसी ठंडी तासीर वाली चीजें न खिलाएं। अगर बच्चों में सर्दी के लक्षण दिखें तो उन्हें डॉक्टर से जरूर दिखाएं। दिल के दौरे और हाई बीपी के केस में बढ़ोतरी- डॉ बी पी सिंह, आईजीआईएमएस इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ बीपी सिंह ने कहा कि 'पिछले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट के कारण इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के कार्डियोलॉजी विभाग में दिल का दौरा और उच्च रक्तचाप के मामलों में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है।' उन्होंने कहा कि ठंड के कारण रक्त की चिपचिपाहट बढ़ जाती है और ऐसी स्थितियों में धमनियों में थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है जिससे दिल का दौरा पड़ता है। उन्होंने कहा कि 'चूंकि उच्च रक्तचाप और ब्लड शुगर वाले लोग ठंड के मौसम से प्रभावित होने की अधिक संभावना रखते हैं, इसलिए उन्हें नियमित रूप से डॉक्टर से अपने ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर की जांच करवानी चाहिए।' पटना एम्स में ब्रेन स्ट्रोक के केस में बढ़ोतरी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना (Patna Aiims) में ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में लगभग 80% की वृद्धि हुई है। एम्स-पी के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर देवेंदु भूषण ने कहा कि एक दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक के एक से दो मरीज अस्पताल आते थे, अब यह संख्या 9 या 10 हो गई है। वहीं पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक डॉ आईएस ठाकुर ने भी कहा कि मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी और सांस की समस्या के मामले बढ़ गए हैं। पीएमसीएच की ओपीडी में भी डेंगू और निमोनिया के छिटपुट मामले दर्ज हैं। अपनी त्वचा का भी रखें ख्याल पीएमसीएच के त्वचा विभाग के डॉ पंकज तिवारी ने कहा कि ठंड के मौसम में त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि 'बुजुर्गों और हाईबीपी-ब्लड शुगर वाले लोगों को सर्दियों में त्वचा रोग होने का खतरा अधिक होता है।' डॉक्टर पंकज के मुताबिक 'ज्यादातर मरीज शरीर के अंगों पर लंबे समय तक खुजली, खोपड़ी पर रूसी और होंठों के काटने के कारण गंभीर बुलस डिसऑर्डर, बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण की शिकायत कर रहे हैं।' उन्होंने लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी कि त्वचा को नम रखने के लिए नहाने के बाद पूरे शरीर पर नियमित रूप से मॉइस्चराइजर लगाएं। उन्होंने कहा कि "अवैज्ञानिक घरेलू उपचार, अस्वच्छ जीवन और समस्याओं की उपेक्षा से समस्या और बढ़ सकती है।'


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