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'मुझे हटाने के लिए आधी रात की साजिश', रेजिग्नेशन लेटर में सोनिया पर खूब बरसे अमरिंदर

चंडीगढ़ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस छोड़ दी और कहा कि उनके नए राजनीतिक दल का नाम...

चंडीगढ़ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस छोड़ दी और कहा कि उनके नए राजनीतिक दल का नाम पंजाब लोक कांग्रेस होगा। कार्यवाहक एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित सात पन्नों का इस्तीफा भेजा है। इसमें उन्होंने गांधी परिवार पर उन्हें हटाने के लिए आधी रात साजिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के आचरण से बहुत आहत हैं। सिद्धू पर उठाए सवाल अमरिंदर ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान का अनुयायी बताया। उन्होंने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि भाजपा में लंबे समय तक रहने के बावजूद उन्हें पंजाब में इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दे दी गई। 'लोग तय करेंगे कौन धर्मनिरपेक्ष' कैप्टन ने यह भी बताया कि कैसे कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन किया था। उन्होंने भाजपा से आए नाना पटोले को महाराष्ट्र चीफ और आरएसएस से आए रेवनाथ रेड्डी को तेलंगाना कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, 'कौन साम्प्रदायिक है और कौन धर्मनिरपेक्ष है? यह लोगों को तय करना है।' उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व सीएम और पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत को भी संदिग्द बताया है। 'राज्य और देश हित में दिया इस्तीफा' कैप्टन ने आरोप लगाया कि पंजाब में कई कांग्रेस विधायक और मंत्री अवैध बालू खनन में शामिल हैं और वह नामों की सूची सार्वजनिक करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह न तो थके हैं न ही रिटायर हुए हैं। अमरिंदर ने लिखा, 'मेरे राज्य और मेरे देश के हित में मैं कांग्रेस से इस्तीफा दे रहा हूं।' 'तीसरी दुनिया का आपातकालीन सर्कस' 28 जुलाई को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने वाले अमरिंदर ने रात के अंधेरे में बुलाई जा रही सीएलपी की बैठक पर अपना गुस्सा जाहिर किया। कहा कि वह इन सबसे आहत हुए। उन्होंने कहा, 'मुझे तुरंत एहसास हुआ कि इरादा इस स्वाभिमानी पुराने सैनिक को नीचा दिखाने और अपमानित करने का था। आपने अगली सुबह 10.15 बजे मुझे फोन किया और मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा। मैंने बिना पलक झपकाए ऐसा किया। हालांकि जिस असभ्य तरीके से पूरे ऑपरेशन को एआईसीसी ने अंजाम दिया उसकी दुर्गंध मुझे आ गई थी।' उन्होंने इस कदम को 'तीसरी दुनिया का आपातकालीन सर्कस' बताया। 'न थका हूं, न रिटायर हुआ हूं' अमरिंदर ने कहा, 'सार्वजनिक जीवन में मेरे 52 वर्षों के बेहतर योगदान के लिए और मुझे व्यक्तिगत स्तर पर जानने के बावजूद आपने मुझे या मेरे चरित्र को कभी नहीं समझा। आपने सोचा था कि मैं वर्षों से चल रहा हूं और मुझे चारागाह में रखा जाना चाहिए। मैं न तो थका हूं और न ही रिटायर हुआ हूं। मेरा इरादा सैनिक की तरह आगे बढ़ने का है मिटाने का नहीं।' 'खनन माफियाओं पर ऐक्शन न लेने का रहेगा पछतावा' रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए अमरिंदर ने स्पष्ट किया, 'जहां तक अवैध रेत खनन के मुद्दे का सवाल है, दुर्भाग्य से, अपराधी वर्तमान सरकार में कांग्रेसी विधायक और मंत्री ही हैं। मुझे इसका पछतावा हमेशा रहेगा कि मैंने उनमें से कुछ को क्यों एक्सपोज नहीं किया। यह सोचकर कि यह पार्टी को शर्मिंदा करेगा मैं पीछे हट गया। मेरा इरादा इन लोगों की सूची को सार्वजनिक करने का है। यह सूची मुझे पंजाब सरकार (एसआईसी) और राज्य खुफिया। विभाग ने दी है।'


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