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Petrol -Diesel:क्या वाकई 'VAT' घटाने से होगा गहलोत सरकार को नुकसान?, टैक्स के इस गणित को समझिए एक्सपर्ट्स से

जयपुर Rajasthan Petrol - Diesel Price : केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने से जहां पेट्रोल-डीजल पर दामों में कमी आई है। वहीं इ...

जयपुर Rajasthan Petrol - Diesel Price : केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने से जहां पेट्रोल-डीजल पर दामों में कमी आई है। वहीं इसके बाद राज्यों में वैट कम करने को लेकर लगी होड़ के बीच राजस्थान की खास चर्चा हो रही है। राजस्थान राज्य की चर्चा की एक वजह तो यह है कि राजस्थान अब वो प्रदेश बन गया है, जहां देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल- डीजल की कीमत हो गई है, यानी यहां अब महंगा पेट्रोल - डीजल मिल रहा है। वहीं दूसरी वजह यह है कि सीएम गहलोत ने अन्य राज्यों की तर्ज पर पेट्रोल- डीजल के दामों को घटाने से इनकार कर दिया है। सीएम गहलोत ने इसे लेकर दरअसल यह तर्क दिया है कि अगर केंद्र सरकार एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और सेंस को और ज्यादा घटाएगी, तो इससे राज्यों को खुद ब खुद कम वैट घट जाएगा। अपने बयान में गहलोत ने बताया है कि केंद्र सरकार की ओर से हाल ही कम की गई एक्साइज और सेस से राजस्थान राज्य को 1800 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ है। सीएम ने केंद्र से यह की मांग उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत फिलहाल जहां वैट घटाने के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। वहीं इससे इत्तर उन्होंने केंद्र सरकार से ही एक्साइज और सेस को और ज्यादा कम करने के लिए कहा है। ट्वीट के जरिए सीएम गहलोत ने कहा है कि "मेरा सुझाव है कि पेट्रोल-डीजल और गैस से एडिशनल एक्साइज ड्यूटी स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और सेस के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें VAT लगाती है. इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए और इसमें और अधिक कमी करनी चाहिये, इससे राज्यों का VAT Collection स्वतः उसी अनुपात में कम हो जायेगा। जैसा 5 रुपये पेट्रोल एवं 10 रुपये डीजल का दाम कम करने की घोषणा के साथ ही राजस्थान राज्य को 1800 करोड़ रुपये का राजस्व कम हो जायेगा। जानिए एक्सपटर्स का क्या है कहना साल 2014 में पेट्रोल पर 9.48 पैसे और 3.56 डीजल एक्साइज ड्यूटी थी, जो अब 36 रुपए पेट्रोल और डीजल पर 26 पैसे हो गई है। केंद्र सरकार ने इसे घटाकर राहत दी है। अगर केंद्र सरकार एक्साइज और अन्य टैक्स को कम करने की करें, तो इससे दामों में और कमी आएगी , लेकिन गहलोत सरकार के पास भी गुंजाइश है कि वो वैट कम करके जनता को राहत दें। कोरोना काल में वैट में की गई लगभग 7 फीसदी तक वृद्धि को को भी कम किया जाएं, तो इससे जनता को लाभ मिलेगा। साथ ही सीधे प्रभावित होने वाले राजस्थान के बॉर्डर जिले के रेवेन्यू को भी इजाफा होगा। लादू सिंह खंगारोत , जयपुर जिला अध्यक्ष पेट्रोल- डीजल एसोसिएशन प्रदेश सरकार को बॉर्डर जिलों पर हो रही तस्करी और घटने रेवेन्यू को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को वैट को कम करना चाहिए। आशुतोष गुप्ता ,श्रीगंगानगर जिला अध्यक्ष पेट्रोल- डीजल एसोसिएशन यदि केंद्र सरकार पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में ले आए, तो इससे पूरे देश में ईंधनों के दाम एक समान हो जाएंगे। इससे देशभर की जनता का बड़ा फायदा होगा। वहीं राज्य सरकार की बात करें, तो उन्हें वैट को कुछ प्रतिशत घटाना चाहिए, यदि सरकार वैट नहीं घटाएगी, तब भी सरकार को रेवेन्यू का बड़ा लॉस होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादात्तर ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स अन्य राज्यों के पेट्रोल- पंपों से ही पेट्रोल भरवाकर राजस्थान आएंगे। सुरेश अग्रवाल, अध्यक्ष फोर्टी राज्य सरकार को वैट घटाने से रेवेन्यू का नुकसान तो संभव है, लेकिन क्योंकि राजस्थान में कई बॉर्डर स्टेट हैं। ऐसे में सरकार यदि इस संबंध में कुछ निर्णय लेती है, तो इससे प्रदेश सरकार बिक्री कम होने के नुकसान को बचा सकती है। सीए अभिषेक शर्मा, अतिरिक्त महामंत्री, फोर्टी राजस्थान रीजनल काउंसिल मेंबर आईसीएआई


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