खगड़िया बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का राज्य की जनता ने हश्र कर दिया है। साल 2015 में केंद्रीय मंत्री पशुपति कु...
खगड़िया बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का राज्य की जनता ने हश्र कर दिया है। साल 2015 में केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को विधानसभा चुनाव में शिकस्त देकर सुर्खियों में आए पूर्व आरजेडी विधायक चंदन राम 2021 में मुखिया का भी चुनाव हार गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि मुखिया के चुनाव में चंदन राम अपने ही पंचायत में पांचवे नंबर पर रहे हैं। यानी अपने ही पंचायत के लोगों ने आरजेडी नेता को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। में तेतराबाद पंचायत से मुखिया पद के लिए भाग्य आजमा रहे चंदन राम को महज 567 वोट मिले हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चंदन राम ने एलजेपी के प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस को शिकस्त दी थी। पशुपति पारस को चुनाव में हराने पर चंदन राम का इलाके में काफी नाम हुआ था। दिचचस्प बात यह है कि पशुपति कुमार पारस का जितना राजनीतिक अनुभव है उतनी चंदन राम की उम्र भी नहीं है। आज करीब छह साल बाद चंदन राम मुखिया तक नहीं रहे और पशुपति कुमार पारस केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इलाके के लोग बताते हैं कि बतौर विधायक चंदन राम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था, जिसके चलते 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। टिकट कटने के बाद से चंदन राम राजनीति में किसी पद को पाने के लिए लालायित दिख रहे थे। इसके लिए उन्होंने तेतराबाद पंचायत से मुखिया पद के लिए भाग्य आजमाने का फैसला लिया। तेतराबाद पंचायत की जनता ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया। बिहार पंचायत चुनाव में पूर्व विधायक चंदन राम की बुरी हार हुई। अपने ही पंचायत में चंदन राम को पांचवा स्थान मिला है। इस सीट पर नंदकेश कुमार उर्फ मुन्ना प्रताप ने जीत हासिल की। मुन्ना प्रताप को 1737 वोट मिले जबकि केवल 567 वोट लेकर चंदन राम पांचवें नंबर पर रहे।
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