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घर में 194 करोड़ कैश पर चलता था 40 साल पुराने प्रिया स्कूटर से, कानपुर के 'काले धन कुबेर' की सादगी तो देखिए

सुमित शर्मा, कानपुर का नाम अब हर किसी की जुबां पर है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन () के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से 194 करोड़ रुपये से ज्य...

सुमित शर्मा, कानपुर का नाम अब हर किसी की जुबां पर है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन () के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से 194 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ है। इसके अलावा करोड़ों रुपये का सोना, चांदी और चंदन का तेल मिला है। अकूत संपत्ति इतनी कि उसे गिनने में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के अधिकारियों को 5 दिन लग गए। आपको भी लगता होगा कि जिसके घर से इतनी दौलत मिली होगी, उसका रहन-सहन कितना शानदार रहा होगा...मगर जानकर हैरानी होगी कि यही धनकुबेर पीयूष जैन एक बहुत पुराने स्कूटर और खटारा कार से चलता था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, पीयूष दुनिया की आंखों में धूल झोंककर करोड़ों का कैश इधर से उधर करता था। इसके साथ ही पीयूष अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से हमेशा कहता था कि व्यापार में बहुत घाटा हो रहा है जिसकी वजह से उस पर करोड़ों रुपये का कर्ज है। पीयूष जैन के घरों से क्या-क्या मिला? डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने बीते गुरुवार को कानपुर स्थित आवास पर छापेमारी की। इसके बाद कन्नौज स्थित आवास में छापेमारी की। जांच एजेंसियां बीते पांच दिनों से नोट गिनने वाली मशीनों के साथ कैश गिनने में जुटी थीं। घरों की दीवारों, सीलिंग, अलमारियों और तहखाने से बंपर कैश मिला। कानपुर से 177 करोड़ रुपए और कन्नौज से 17 करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ है। इसके साथ ही 64 किलो सोना, लगभग 250 किलो चांदी और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ है। खुद को सामान्य कारोबारी बताता था इत्र कारोबारी पीयूष जैन इतना शातिर था कि आने-जाने के लिए पुराने स्कूटर का इस्तेमाल करता था। अगर उसे कहीं बाहर जाना होता था तो पुरानी खटारा सेंट्रो कार का इस्तेमाल करता था। जिससे लोग उसे छोटा कारोबारी समझें। पीयूष के पड़ोसी भी उसे सामान्य कोरोबारी समझते थे। उन्हें इस बात की भनक भी नहीं थी कि उनके बगल के मकान में करोड़ों का कैश और सोना-चांदी हैं। पीयूष खुद को कर्जदार बताता था पीयूष दुनिया वालों की आंखों में धूल झोकने के लिए खुद परेशान कर्जदार बताता था। पीयूष अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से हमेशा कहता था कि उसका व्यापार में घाटा हो रहा है। इसके साथ ही वह अक्सर रिश्तेदारों और दोस्तों से कर्ज भी लेता रहता था। लेकिन डीजीजीआई की टीम ने जब उसका राज खोला तो रिश्तेदारों से लेकर दोस्तों की आंखें फटी रह गईं। वकीलों का पैनल रहा मौजूद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने पीयूष को कोर्ट में पेश किया। डीजीजीआई की टीम पीयूष की ट्रांजिट रिमांड चाहती थी, लेकिन पीयूष को 14 दिनों न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस दौरान पीयूष के साथ वकीलों का पैनल मौजूद रहा। कन्नौज वाले घर में बेसमेंट का फर्श तोड़ तलाशी पीयूष जैन के कानपुर वाले घर में छापेमारी तीन दिन तक चली थी, लेकिन कन्नौज वाले घरों और फैक्ट्री में छापेमारी चौथे दिन रात तक जारी थी। सूत्रों के अनुसार, तलाशी में डीजीजीआई ने हरसंभव तरीकों का इस्तेमाल किया। घर के बेसमेंट में कुछ संदिग्ध लगने पर फर्श तक तोड़ दिया गया। घर की दीवारें भी कई जगह तोड़ी गईं। बेसमेंट बिल्कुल किसी गुप्त तहखाने की तरह बना था। यहां पहुंचने के लिए झुककर अंदर जाना ही एकमात्र विकल्प है इतना ही नहीं, घर में बने कई बेडरूम में फॉल्स सीलिंग की लाइटें तक उखाड़ ली गईं। ताकि यहां रुपये या जेवरात आदि की मौजूदगी चेक की जा सके। बेड के सिरहाने लगे सजावट के सामान और फोम भी डीजीजीआई अधिकारियों की पैनी निगाहों से नहीं बच सके।


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