Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

21 साल वाला कानून आने के डर से शादियां निपटाने की होड़, हैदराबाद के मस्जिदों में निकाह की लंबी लाइन

हैदराबाद अगर बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 कानून बन जाता है, तो लड़कियों की शादी की उम्र 21 हो जाएगी। मुसलमान निकाह में इसे कानून...

हैदराबाद अगर बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 कानून बन जाता है, तो लड़कियों की शादी की उम्र 21 हो जाएगी। मुसलमान निकाह में इसे कानूनी बाधाए मान रहे हैं। इसी के चलते हैदराबाद के पुराने इलाकों की मस्जिदों में निकाह के लिए लंबी लाइन चल रही है। इस कानून के लागू होने से पहले मुस्लिम निकाह कर लेना चाहते हैं। इन मस्जिदों में जो निकाह हो रहे हैं उनमें दुलहनों की उम्र 18 से 20 साल के बीच है। अधिकांश की शादी 2022-2023 में किसी समय होनी थी, लेकिन बिल पास होने के डर ने उनके परिवारों में हड़बड़ी है और वह तय तारीख से पहले ही शादी करने की होड़ में हैं। 'नहीं कर सकती इंतजार' 'मेरी तीन बेटियां हैं - उनमें से एक विकलांग है। मैं उनमें से कम से कम एक की शादी के लिए दो साल और कैसे इंतजार कर सकता हूं?' 19 साल के एक बच्चे की मां समरुन्निसा ने कहा समरुन्निसा ने जिसे मंगलवार को एक आम समारोह में एक स्थानीय मस्जिद के अंदर अपनी बेटी का निकाह किया। बाबानगर के एक निवासी ने कहा, 'हमने बेटी का निकाह 2022 के मध्य में करने की तैयारी की थी क्योंकि उसके पिता हाल ही में नौकरी की तलाश में श्रीलंका गए थे। हम उम्मीद कर रहे थे कि वह शादी की व्यवस्था करने के लिए कुछ पैसे लेकर वापस आएंगे। लेकिन जब हमने बिल के बारे में सुना तो हमें भागना पड़ा।' निकाह हो रहे लेकिन विदाई टल रहीं TOI ने ओल्ड सिटी में रहने वाले कम से कम आधा दर्जन परिवारों से बात की, जिन्होंने इसी कारण से अपनी बेटियों की शादी की तारीखों को आगे बढ़ाया है। हालांकि लगभग सभी मामलों में, वित्तीय कारणों से फिलहाल विदाई टाल दी गई है। लॉकडाउन में नौकरी गई नौकरी गंवाने वाले रहमत अली ने कहा, 'यह अनिवार्य है कि हम अपनी बेटी को कुछ फर्नीचर, सोना, कपड़े और नकदी के साथ उसके ससुराल भेजे। लेकिन अभी, मैं परिवार के लिए भोजन कमाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं।' रहमत की 2020 के लॉकडाउन के दौरान ड्राइवर की नौकरी छूट गई थी। रहमत की पांच बेटियां और एक बेटा है। उन्होंने बेटी का निकाह 26 दिसंबर को किया और विदाई के लिए चार-पांच महीने का समय मांगा है। टीआरएस की योजना पर निर्भर कई निकाह चंद्रयानगुट्टा निवासी जोड़ा अपनी बेटी की शादी के लिए केसीआर की 'शादी मुबारक' योजना पर निर्भर है। 2014 में टीआरएस सरकार ने यह योजना शुरू की थी। यह योजना एससी, एसटी, ईबीसी या अल्पसंख्यकों को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। योजना के लाभ के लिए लड़कियों की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। कुछ दिनों के अंदर इलाके में 40 निकाह इलाके के एक स्थानीय नेता फिरोज खान ने कहा कि परिवार निकाह करवा रहे हैं ताकि वे तुरंत योजना के लिए आवेदन कर सकें और अगले कुछ महीनों में उन्हें सहायता मिल सके। एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, वह निकाह कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक इलाके में 40 से ज्यादा निकाह होने वाले हैं। फऱवरी में थी शादी, अब 31 दिसंबर को निकाह की लिस्ट में अजीज अहमद की 18 वर्षीय भतीजी भी शामिल है। उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई और भाभी का देहांत हो चुका है। दादी ने बच्ची को पाला है। अब, यदि बिल लागू होता है, तो अगले तीन वर्षों तक उसकी देखभाल कौन करेगा? इसलिए अब वे उसकी शादी 31 दिसंबर को करने जा रहे हैं। नए बिल पर मौलाना ने उठाए सवाल बिल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मुस्लिम धर्मगुरु और अमरत-ए-मिल्लत-ए-इस्लामिया तेलंगाना और आंध्र के अमीर (प्रमुख) मौलाना जफर पाशा ने कहा कि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ में घुसपैठ है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में, एक मुस्लिम लड़की यौवन प्राप्त करने के बाद शादी कर सकती है। यदि बिल पारित हो जाता है, तो इन लड़कियों की सुरक्षा संबंधी कई मुद्दे होंगे।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3FMsIgI
https://ift.tt/3EE0umI

No comments