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पटना यूनिवर्सिटी में 8 कौए और 2 कबूतर की मौत, पटना में बर्ड फ्लू फैलने की आने की फैली अफवाह

पटना कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के खतरे से बचने की कोशिश में जुटे बिहार के लोगों में बर्ड फ्लू का डर समा गया है। खासकर राजधानी पटना...

पटना कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के खतरे से बचने की कोशिश में जुटे बिहार के लोगों में बर्ड फ्लू का डर समा गया है। खासकर राजधानी पटना के लोग सहमे हुए हैं कि शहर में बर्ड फ्लू आ गया है। हालांकि राज्य सरकार ने बर्ड फ्लू जैसी किसी बात से इनकार किया है। पटना यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी के कंपाउंड में शुक्रवार सुबह आठ कौए और दो कबूतर मृत पाये गये, जिसके बाद पटना के लोगों के बीच खबर फैल गई कि बर्ड फ्लू यहां भी आ गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस संदर्भ में कहा कि कौए की मौत मामले की जांच कराई जा रही है। एक्सपर्ट की टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसपर कुछ भी कहा जाएगा। तब तक पटनावासियों को इस खबर को अफवाह मानने की सलाह दी गई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि पटना के तापमान में अचानक गिरावट आने से पक्षियों की मौत हुई है। लोगों कहा कहना है कि ठंड में पक्षियों का मरना सामान्य बात है। यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के निदेशक प्रोफ्रेसर अभय कुमार सिंह ने बताया कि वेटनरी डॉक्टर से इस संबंध में संपर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी को मिट्टी में दफना दें, इसलिए सभी को वहीं लाइब्रेरी परिसर में एक कोने में मिट्टी में सावधानीपूर्वक दफना दिया गया है। केरल के एक गांव में बर्ड फ्लू केरल के अलप्पुझा जिले की ताकाझी पंचायत में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी मिली है, जिसके चलते अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश देना पड़ा है। जिला कलेक्टर ए. एलेक्जेंडर ने फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर बृहस्पतिवार को जिले के वरिष्ठ पशुपालन, स्वास्थ्य व पुलिस अधिकारियों के साथ आपात बैठक की अध्यक्षता कर स्थिति की समीक्षा की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रशासन ने नजदीकी इलाकों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिये ताकाझी ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 10 और इसके आसपास के एक किलोमीटर दायरे में सभी मुर्गियों, बत्तखों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र को एक निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है, जबकि क्षेत्र में वाहनों और लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है। जिला कलेक्टर ने इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में बत्तख, मुर्गी, बटेर और घरेलू पक्षियों के अंडे, मांस व खाद के उपयोग तथा बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि यह पाबंदी चंपाकुलम, नेदुमुडी, मुत्तर, वियापुरम, करुवट्टा, त्रिकुन्नपुझा, ताकाझी, पुरक्कड़, अंबालापुझा दक्षिण, अंबालापुझा उत्तर, एडथवा पंचायतों और हरिप्पड नगरपालिका क्षेत्र में लागू रहेगी। पशुपालन विभाग ने ताकाझी में पक्षियों को पकड़ने और जान से मारने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दलों का गठन किया गया है। बैठक में सहायक वन संरक्षक को इस बात की निगरानी और निरीक्षण करने के लिए अधिकृत किया गया कि प्रवासी पक्षी बीमारी से संक्रमित हुए हैं या नहीं। अधिकारियों के अनुसार पशुपालन विभाग को जिले में बर्ड फ्लू रोकथाम गतिविधियों पर दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।


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