पटना मगध विश्वविद्यालय के दागी कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एक नए विवाद में फंस गए हैं। उन पर अब परीक्षा नियंत्रक डॉ भृगुनाथ प्रसाद को कई बार...
पटनामगध विश्वविद्यालय के दागी कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एक नए विवाद में फंस गए हैं। उन पर अब परीक्षा नियंत्रक डॉ भृगुनाथ प्रसाद को कई बार धमकी देने का आरोप लगा है। आरोप है कि आरोपी कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को फोन उनसे 30 करोड़ रुपये के भुगतान के वाउचर या बैंक स्टेटमेंट की व्यवस्था करने के लिए कहा। अब इस मामले की भी जांच की जा रही है। नए विवाद में फंसे दागी कुलपति राजेन्द्र प्रसाद भृगुनाथ ने रविवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट को एक शिकायत पत्र ईमेल किया। इस खत में उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें वीसी राजेन्द्र प्रसाद लगातार धमकी भरे फोन कॉल कर रहे हैं। आरोप है कि राजेन्द्र प्रसाद ने एक इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए शनिवार को एक बार और रविवार को एक बार भृगुनाथ को फोन किया। जानिए वीसी पर लगे नए आरोप के बारे में प्रसाद ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि वीसी पर छापे के चार दिन बाद 21 नवंबर को विश्वविद्यालय के परीक्षा विंग के लिए 1.75 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया था और उनकी जानकारी के बिना ई-किताबें खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था। भृगुनाथ ने आरोप लगाया कि छापेमारी के बाद कुलपति 23 नवंबर को एक महीने के चिकित्सा अवकाश पर चले गए। वहीं स्पेशल विजिलेंस यूनिट के सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय में ऐसी कोई ई-लाइब्रेरी सुविधा ही नहीं थी जिसके लिए ई-पुस्तकें खरीदी गई थीं। SUV ने की नए आरोप की पुष्टि एसवीयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने भृगुनाथ द्वारा भेजा गया शिकायत पत्र प्राप्त करने की पुष्टि की है। खान ने कहा कि शिकायत एक स्पष्ट संकेत है कि दागी वीसी गवाहों को धमकाने, उन पर दबाव बनाने और मानसिक रूप से परेशान करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 'वीसी ने बैंक स्टेटमेंट इकट्ठा करने के लिए इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए भृगुनाथ को धमकी दी है। हम देखेंगे कि ऐसे मामलों में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।' परीक्षा नियंत्रक ने टाइम्स न्यूज नेटवर्क से की बात भृगुनाथ ने टाइम्स न्यूज नेटवर्क को फोन पर बताया कि वीसी उन पर करोड़ों के लेनदेन के बैंक स्टेटमेंट इकट्ठा करने का दबाव बना रहे थे। उन्होंने कहा कि 'वीसी ने विशेष रूप से मुझे उनके कार्यकाल के दौरान किए गए लेनदेन के विवरण एकत्र करने के लिए कहा। इन लेनदेन की अब एसवीयू जांच कर रही है।' आरोपी कुलपति के कई ठिकानों पर पड़ा है छापा एसवीयू ने 17 नवंबर को कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के कार्यालय और गोरखपुर में उनके आवास पर छापा मारा था। वीसी, उनके पीए-सह-सहायक सुबोध कुमार, वीकेएसयू के वित्तीय अधिकारी ओम प्रकाश, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद छापे मारे गए थे। दो निजी फर्मों ने उत्तर पुस्तिकाएं, ओएमआर शीट, किताबें खरीदकर 30 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन का कथित रूप से गबन किया, बिना किसी आवश्यकता के भी गार्ड को काम पर रखा और बिना टेंडर के पसंदीदा लोगों को भुगतान किया।
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